फ्रांस में सरकार के गले की फांस बना कोविड-19 पास, विरोध में सड़कों पर भारी प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं जिसमें सरकार ने सड़क पर आने के लिए कोविड-19 पास को पूरे देश भर में अनिवार्य किया है. सरकार के नए कानून के मुताबिक अब सड़क पर आने से पहले ये पास लेना जरूरी होगा. देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 1, 2021, 05:56 PM IST
फ्रांस में सरकार के गले की फांस बना कोविड-19 पास, विरोध में सड़कों पर भारी प्रदर्शन

नई दिल्लीः Corona संक्रमण की चौथी लहर से जूझ रहा फ्रांस एक नये संकट से घिरता जा रहा है. कोरोना संबंधी कानून को लेकर वहां सरकार और जनता के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है और आए दिन पेरिस की सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं. दरअसल, कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए बनाए गए फ्रांस के नए कानून पर लोगों में गुस्सा है.

विवाद के केंद्र में है कोरोना से संबंधी फ्रांस का नया कानून, जिसके तहत लोगों को पास संबंधी कठिन नियम से गुजरना पड़ रहा है. देश के आंतरिक मंत्री गेराल्‍ड डारमेनिन का कहना है कि पुलिस ने 19 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है.

इसलिए हो रहा है प्रदर्शन
जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं जिसमें सरकार ने सड़क पर आने के लिए कोविड-19 पास को पूरे देश भर में अनिवार्य किया है. सरकार के नए कानून के मुताबिक अब सड़क पर आने से पहले ये पास लेना जरूरी होगा. देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है.

पेरिस में भी इसे लेकर कड़ा विरोध जताया जा रहा है. जुलाई के मध्‍य से जब फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैन्‍युल मैक्रॉन ने इस कानून की घोषणा की थी और प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाया था, तब से ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. राष्‍ट्रपति का कहना था कि देश में कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए ये बेहद जरूरी कदम है. 

सिर्फ वैक्सीन लगवा चुके लोगों को मिल रहा पास
बीएफएमटीवी ब्रॉडकास्‍टर के मुताबिक देश में इसके विरोध में करीब 204090 लोग सड़कों पर उतरे हैं. राजधानी पेरिस में ही करीब 14 हजार से अधिक लोग इसको लेकर होने वाले विरोध प्रदर्शन में जुटे थे. डारमेनिन ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि शुक्र है कि पुलिस ने पूरे देश में इसको लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर कड़ी निगाह रखी.

इस दौरान करीब 19 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें से करीब 10 पेरिस से हुई हैं. अगस्‍त से इस नए कानून के लागू होने के साथ रेस्‍तरां, बार, शॉपिंग सेंटर, विमान और लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वालों को यात्रा से पूर्व स्‍पेशल पास लेना अनिवार्य किया गया है. ये पास उन लोगों को मिल सकेगा जो या तो हाल ही में कोरोना से ठीक हुए हैं और जिनके पास में कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट है या फिर उन्‍हें जिन्‍होंने कोरोना वैक्‍सीन की दोनों खुराक ले ली हैं.

वयस्कों पर ही लागू होगा नियम
सरकार ने नए कानून के तहत सभी स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के लिए वेक्‍सीनेशन अनिवार्य कर दिया है. सरकार ने कहा है कि ऐसा न करने वाले कर्मी को बर्खास्‍त किया जा सकेगा. नए कानून के मुताबिक फिलहाल ये नियम केवल व्‍यस्‍कों पर ही लागू होता है. 30 सितंबर के बाद ये 12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग पर भी लागू हो जाएगा.

बीते हफ्ते राष्ट्रपति ने की थी आलोचना
बीते रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के खिलाफ देश के नागरिकों से एकजुट होने तथा इसकी रोकथाम के लिए टीकाकरण कराने की अपील की थी. मैक्रों ने टीकाकरण को लेकर अफवाह फैलाने और प्रदर्शन करने वालों की कड़ी आलोचना भी की थी. प्रदर्शनकारियों ने ‘स्वतंत्रता’ के नारे लगाते हुए कहा कि सरकार उन्हें न बताए कि उन्हें क्या करना चाहिए. दरअसल, फ्रांस के बनाए नए नियमों को लोग स्वतंत्रता हनन के तौर पर देख रहे हैं. 

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