तिब्बत में ड्रैगन की नई चाल, एयरबेस को एक्टिव कर तैनात किए लड़ाकू विमान; भारत की क्या तैयारी?

China Tibet Airbase: चीन ने तिब्बत के एक एयरबेस पर फिर से 4 लड़ाकू विमान तैनात किया है. जिसके साथ कार्गो जहाज  Y-20 भी देखा गया है. हालांकि भारत ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. आइए जानते हैं कैसे...

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 19, 2025, 05:53 PM IST
  • चीन ने तिब्बत में तैनात किए 4 लड़ाकू विमान
  • भारत जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार
तिब्बत में ड्रैगन की नई चाल, एयरबेस को एक्टिव कर तैनात किए लड़ाकू विमान; भारत की क्या तैयारी?

China activated tibet airbase: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. आए दिन कुछ न कुछ ऐसा करने की फिराक में रहता है, जिससे भारत की मुश्किलें बढ़ें. लेकिन वह भारत की ताकत से भी वाकिफ है. हाल ही में भारतीय सेना ने न केवल पाकिस्तानी सेना को धूल चटाई, बल्कि उनके चीनी डिफेंस सिस्टम को HQ9 को भी तबाह कर दिया. इतना ही नहीं, चीन अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की मदद में भी जुटा था. इस बीच, चीन ने फिर सीमा के करीब एक ऐसी हरकत की है, जिसका मुंहतोड़ जवाब भारत के पास पहले से ही है. दरअसल, चीन ने तिब्बत में एक और एयरबेस को एक्टिव किया है. यहां न केवल लड़ाकू विमान देखे गए, बल्कि कार्गो जहाज Y-20 को भी स्पॉट किया गया है. इसका खुलासा सैटेलाइट तस्वीर से हुआ है. 

किस एयरबेस को किया एक्टिव?
चीन ने तिब्बत में जिस एयरबेस को एक्टिव किया है. वह भारत की उत्तरी सीमा से लगा हुआ नागरी गुंसा एयरबेस है. यह पैंगोंग झील से महज 200 किमी की दूरी पर स्थित है. यह वही इलाका है जहां पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मई 2020 में झड़प हुई थी.

चीन ने इस एयरबेस को दोहरे इस्तेमाल के रूप में तैयार किया है. वर्तमान में यह नागरिक हवाई अड्डे के रूप में संचालित है. बता दें, यह एयरबेस नगारी प्रांत के शिक्वान्हे शहर में बनाया गया है. जोकि 14,022 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, और भारत के तीन राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बेहद करीब है. 

सैटेलाइट इमेज में क्या दिखा?
चीन ने आखिरी बार इस एयरबेस पर अपनी सैन्य गतिविधियां साल 2019-20 में तेज की थी. उस वक्त चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के J-11 या J-16 लड़ाकू विमान दिखाई दिए थे. जिसके बाद से अब 15 मई 2025 को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एक्सपर्ट detresfa_ द्वारा जारी की गई तस्वीर में हलचल दिखी है. जिसमें 4 लड़ाकू विमान और एक Y-20 कार्गो विमान भी नजर आया है.

लड़ाकू विमानों को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, लेकिन Y-20 की तैनाती अहम है. बता दें, Y-20 चीन का सबसे बड़ा सैन्य ट्रांसपोर्ट विमान है. जिसे भारी माल और सैनिकों को पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसकी अधिकतम पेलोड क्षमता 66 टन है. वहीं इसकी रेंज करीब 4,500 किमी बताई जाती है.

ऐसे में पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच, भारत चीन की हर चाल पर नजर बनाए हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन ने पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से मदद की कोशिश की थी.

मुकाबले के लिए भारत की क्या तैयारी?
भारत की हवाई और डिफेंस सिस्टम की ताकत दुनिया ने देखी. जिसने न केवल चीन-तुर्की के एडवांस हथियारों को हवा में ही मार गिराया, बल्कि पाकिस्तान में तैनात चीनी एयर डिफेंस सिस्टम HQ9 को चकमा देकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया.

इस कार्रवाई के पीछ भारत की दो प्रमुख ताकतें रहीं. पहला भारत का आयरन डोम जैसा डिफेंस सिस्टम 'आकाशतीर'. दूसरा दुनिया की सबसे ताकतवर और सटीक हमला करने में शुमार ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल. ऐसे में चीन ने जिस एयरबेस पर अपनी एक्टिविटी तेज की है. वह भारतीय हथियारों के सटीक निशाने पर है.

आकाशतीर और ब्रह्मोस ही काफी
बता दें, ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 30 किलोमीटर से लेकर 300 किमी तक है. जो जल, थल और नभ तीनों जगह से दागी जा सकती है. यह दुनिया की पहली ऐसी क्रूज मिसाइल है जिसकी गति सबसे तेज 900 मीटर प्रति सेकेंड है. जो चीन की किसी भी तरह की नापाक हरकत पर तबाही का मंजर ला सकती है.

इसके इतर भारत के पास दुनिया का सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है. जिसमें S-400, बराक-8, आकाश, SPYDER, Python-5 जैसे डिफेंस सिस्टम हैं. यह न केवल भारत को चार लेयर की सुरक्षा प्रदान करते हैं. बल्कि छोटे ड्रोन से लेकर एडवांस फाइटर जेट को हवा में ही मार गिराने का माद्दा रखते हैं. 

रूस से खरीदा गया S-400 एक साथ 36 टारगेट को एंगेज करने की क्षमता रखता है. जिसकी ताकत पाकिस्तान आर्मी ने पिट जाने के बाद दुनिया को बताया है. जो कि चीन के कर्ज तले दबा हुआ है, और खुद बी चीनी हथियारों के भरोसे मैदान में उतरता है.

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