चीन को 'चौधर' की चाहत! ड्रैगन कल तक दिखा रहा था आंख, अचानक कैसे लाइन पर आया?

China India Relations: पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार के चीन दौरे से भारत-पाक संबंधों पर चर्चा तेज हुई. पहले कयास थे कि चीन और पाक मिलकर भारत के खिलाफ रणनीति बनाएंगे, लेकिन चीन ने नरम रुख अपनाया है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान, चीन के पड़ोसी हैं और दोनों उसके लिए महत्वपूर्ण हैं.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : May 20, 2025, 10:03 AM IST
  • चीन को चढ़ा पंचायती करने का शौक
  • भारत-पाक के बीच शांति कराने का इच्छुक
चीन को 'चौधर' की चाहत! ड्रैगन कल तक दिखा रहा था आंख, अचानक कैसे लाइन पर आया?

China India Relations: पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार तीन दिन के लिए चीन दौरे पर हैं. कयास लगाए जा रहे थे कि पाक और चीन की इस मीटिंग में भारत के खिलाफ कुछ खिचड़ी पक सकती है. लेकिन इशाक डार के बीजिंग पहुंचते ही पूरा खेल पलट गया. चीन ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान, दोनों ही उसके पड़ोसी हैं. चीन अपने पड़ोसियों के साथ मैत्री और ईमानदारी के संबंधों को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस बयान के बाद से ही ग्लोबल पॉलिटिक्स में रूचि रखने वाले लोग चौंक गए हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने कहा कि चीन एक सौहार्दपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध पड़ोस चाहता है. मैत्री, पारस्परिक लाभ, समावेशिता के सिद्धांत और पड़ोसी देशों के साथ संबंध स्थापित करने को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. चीन ने इस बात को भी नकार दिया कि उसने पाकिस्तान को हवाई रक्षा और सैटेलाइट मदद की थी.

चीन करना चाहता है 'चौधर', बस कोई मौका तो दे
माओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुई स्थिति के बारे में हम अपना पक्ष रख चुके हैं. हम दोनों देशों से बातचीत बनाए रखने, स्थायी युद्धविराम को सुनिश्चित करने और क्षेत्रीय शांति को बनाए रखने में भूमिका निभाने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान चीन के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं और चीन दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है.

चीन ने क्यों पकड़ी सॉफ्ट लाइन?
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्क रुबियो ने दावा किया था कि भारत-पाक के बीच उन्होंने मध्यस्थता की थी. पाकिस्तान ने बार-बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका का धन्यवाद दिया. लेकिन चीन को युद्ध विराम रास नहीं आया. चीन को यही लगा कि अमेरिका साउथ एशिया में आकर भी पंचायती कर रहा है और उसे कोई नहीं पूछ रहा. यही कारण है कि अब चीन, भारत-पाक को साथ लेकर चलना चाहता है, ताकि एशिया में अपना सिक्का जमा सके.

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