भारत के 3 पड़ोसियों का बीजिंग में जमघट, क्या 'ड्रैगन' पढ़ाने वाला है कोई नई पट्टी?

China Pakistan and Afghanistan Meeting: भारत-पाकिस्तान के हालिया विवाद के बाद पाकिस्तान अपने मित्र चीन के पास पहुंचा है. 19 से 21 मई तक पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार चीन में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिलेंगे. हैरानी की बात है कि अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी इस त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होंगे. बैठक में व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा, भारत-पाक तनाव और अफगान-पाक संबंधों पर चर्चा होगी.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : May 19, 2025, 10:41 AM IST
  • चीन में होनी है त्रिपक्षीय मीटिंग
  • अफगानिस्तान भी होगा इसका हिस्सा
भारत के 3 पड़ोसियों का बीजिंग में जमघट, क्या 'ड्रैगन' पढ़ाने वाला है कोई नई पट्टी?

China Pakistan and Afghanistan Meeting: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही हुए में विवाद के बाद जिन्ना का दोस्त एक बार फिर अपने पुराने दोस्त के पास पहुंच गया है. ऑपरेशन सिंदूर में पड़ी मार के बाद पाकिस्तान अपने मित्र चीन के पास अपना दुःख गाने जा रहा है. आज यानी 19 मई से लेकर 21 मई तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री और डिप्टी PM इशाक डार चीन दौर पर पर हैं. यहां पर वह चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मिलेंगे. लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि यहां पर अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी होंगे.

त्रिपक्षीय बैठक का मुद्दा क्या?
पाकिस्तान के जियो न्यूज का कहना है कि व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा और भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर तीनों देशों के विदेश मंत्रियों बैठक कर सकते हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार भारत के साथ हुए संघर्ष को लेकर चीन के विदेश मंत्री संग विस्तार से चर्चा करेंगे और चीन-पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर भी बात होगी. इसके अलावा, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रही टेंशन पर भी विस्तृत चर्चा हो सकती है. मुमकिन है कि चीन दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर उन्हें सहज करे.

कहीं चीन तो नहीं कर कुछ प्लान?
इस त्रिपक्षीय मीटिंग से साजिश की बू भी आना लाजमी है. चीन और पाकिस्तान अक्सर भारत के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए एकजुट रहते हैं. अब अफगानिस्तान भी मीटिंग का हिस्सा है, मतलब उसे भी कुछ पट्टी पढ़ाई जा सकती है. हालांकि, अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद भी भारत के रिश्ते सामान्य ही रहे. तालिबान सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा भी की थी. बस चिंता तो इस बात की है कि कहीं भारत के खिलाफ इन्हें किसी नई चाल के लिए इस्तेमाल ना कर ले.

चीन नहीं चाह रहा था पाक-भारत के बीच शांति
रिपोर्ट्स तो ये भी बताती हैं कि चीन, पाकिस्तान और भारत के बीच शांति नहीं चाह रहा था. दोनों देशों के बीच युद्ध होता तो साउथ एशिया में चीन ही ताकतवर बनता. इसके इतर, चीन को इस बात से भी तकलीफ है कि इस मामले में अमेरिका ने 'चौधर' की. चीन चाहता था कि वह खुद महाशक्ति के रूप में उभरे लेकिन अमेरिका ने ये मौका छीन लिया.

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