नई दिल्ली. ताइवान से प्राप्त हो रही जानकारी बताती है कि ताइवान और चीन के बीच अंदरूनी तनाव अपने चरम पर है. इसके साथ ही इधर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक अपील जारी की है कि ताइवान ने चीन का कोई सुखोई फाइटर जेट मार कर नहीं गिराया है, कृपया ऐसे अफवाहें सोशल मीडिया पर न फैलाएं.
मीडिया रिपोर्ट्स ने किया था दावा
एक दिन पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि ताइवान ने शुक्रवार 4 सितंबर को चीन के एक सुखोई फाइटर जेट को मार गिराया है. भले ही यह दावा झूठा साबित हो गया किन्तु इससे यह तो समझ में आ गया है कि ताइवान अपनी सुरक्षा और सम्प्रभुता के साथ कोई समझौता करने के मूड में नहीं है. ऐसे में चीन की कोई भी हमलावर कोशिश निकम्मी हो सकती है क्योंकि अमेरिकी हथियारों से लैस ताइवान के साथ वैसे भी अमेरिका बराबर से खड़ा हुआ है और चीन पर भड़का हुआ भी है.
डिफेन्स मिनिस्ट्री ने स्पष्टीकरण दिया
छोटे-छोटे समाचार भी तनावपूर्ण स्थिति में माहौल बहुत बिगाड़ सकते हैं. ताइवान भारत की तरह ही शांतिप्रिय देश है और युद्ध नहीं चाहता किन्तु अपनी सम्प्रभुता और सुरक्षा को दांव पर लगा कर कोई समझौआ भी नहीं कर सकता है. ताइवान की डिफेन्स मिनिस्ट्री ने मीडिया रिपोर्ट्स के दावों को नकारते हुए ट्वीट किया है और कहा है कि सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहें दावा कर रही हैं कि ताइवान ने चीन के सुखोई-35 फाइटर जेट को मार गिराया है. यह सर्वथा असत्य समाचार है. नेटिजन्स से हमारी अपील है कि कृपया इसे न फैलाएं.
अफवाह से तनाव की आशंका बढ़ी
इस घटना के बाद ताइवान और चीन के मध्य तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. साउथ चाइना सी में चीन और अमेरिका अपने जंगी जहाज़ों के साथ मौजूद हैं. इस क्षेत्र में मौजूद अमेरिका के निमित्ज वॉरशिप पर 120 फाइटर जेट्स देखे गए हैं. यद्यपि यह भी सत्य है कि चीन लगातार ताइवान को धमका रहा है और उसकी जल और वायु सीमा का उल्लंघन करता दिखाई दे रहा है. दो दिन पहले भी चीन के एक लड़ाकू विमान ने ताइवान की हवाई सीमा में प्रवेश किया था.
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