Bangladeshi leader Muhammad Yunus Visit to china: अगले सप्ताह बांग्लादेशी नेता मुहम्मद यूनुस चीन के दौरे पर जा रहे हैं. जहां उम्मीद है कि चीन उनका बेहद अच्छे से स्वागत करने की तैयारी कर रहा है, जिसमें रेड कार्पेट तक भी बिछाया जा सकता हा है.
बता दें कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के अंतर्गत हिंदुओं पर हुए हमलों से उसके भारत के साथ रिश्ते कुछ बिगड़े हैं. हालांकि, बांग्लादेश ने इससे इनकार किया है, लेकिन तनाव के बीच यूनुस की चीन यात्रा कूटनीतिक मान्यता और आर्थिक जुड़ाव को लेकर अहम रहेगी.
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता यूनुस अगस्त से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने व्यापक छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत आ गईं.
कैसा होगा यूनुस का चीन दौरा?
ढाका के अनुसार, यूनुस 27 मार्च को चीन के दक्षिणी द्वीप प्रांत हैनान में बोआओ फोरम फॉर एशिया के उद्घाटन सत्र में भाषण देंगे.
अगले दिन बीजिंग में उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात होने की उम्मीद है और बाद में वे प्रतिष्ठित पेकिंग विश्वविद्यालय में बोलेंगे, जहां उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा.
यूनुस का पदभार ग्रहण करने के बाद चीन का पहला दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब बांग्लादेश और भारत के बीच संबंध कुछ ज्यादा खास नहीं हैं. दरअसल, भारत ने हसीना और उनकी अवामी लीग पार्टी के अन्य नेताओं को शरण दी हुई है.
वहीं, जनवरी में भारत द्वारा बांग्लादेश की लगभग 4,100 किमी (2,500 मील) लंबी साझा सीमा पर बाड़ लगाने का काम फिर से शुरू करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए.
ढाका में विदेश मंत्रालय ने 12 जनवरी को भारतीय उच्चायुक्त को तलब कर अपनी 'गहरी चिंता' व्यक्त की और कहा कि इससे 'सीमा पर तनाव और अशांति' पैदा हुई है, जबकि भारत ने अगले दिन इसी तरह के कदम उठाते हुए दावा किया कि बाड़ बनाने में 'सभी प्रोटोकॉल और समझौतों' का पालन किया गया है.
बता दें कि चीन और भारत दोनों ही बांग्लादेश को अपने पक्ष में रखना चाहते हैं, लेकिन बांग्लादेश की यूनुस सरकार से भारत के खराब रिश्तों का फायदा चीन उठाना चाहता है. जहां वह बांग्लादेश को पैसों का लालच दे सकता है.
चीनी एजेंडा
यूनुस जब चीन में शीर्ष अधिकारियों से मिलेंगे तो चीनी निवेश सुनिश्चित करना भी एजेंडे में सबसे ऊपर रहने की उम्मीद है. चीन ने 2006 में बांग्लादेश के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के रूप में भारत को पीछे छोड़ दिया था. पिछले साल द्विपक्षीय व्यापार 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें से 22.88 बिलियन अमेरिकी डॉलर चीनी निर्यात से बना था.
2016 में बांग्लादेश बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में शामिल होने वाला पहला दक्षिण एशियाई देश बन गया. बांग्लादेश वैश्विक संपर्क कार्यक्रम के तहत चीनी निवेश का एक प्रमुख प्राप्तकर्ता रहा है. यह कार्यक्रम वैश्विक दक्षिण के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए बीजिंग के कूटनीतिक प्रयास का केंद्र है. हालांकि, यूनुस की चीन की यात्रा और शी जिनपिंग से मुलाकात का भारत को कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा. हालांकि, राजनयिक इस दौरे पर नजर लगाए हुए होंगे.