China Egypt Air Force Joint Drill: भारत की वायु शक्ति का पड़ोसी देशों के पास कोई तोड़ नहीं है. गाहे-बगाहे चीन इसका मुकाबले करने के लिए नए-नए जेट्स बनाता रहता है. लेकिन इन लड़ाकू विमान को किसी भी युद्ध में आजमाया नहीं गया है. कई बार अलग-अलग देशों ने इनमें खामियां होने की बात कही. ये बात चीन को भी समझ आ गई कि उसके फाइटर जेट्स 'कागजी शेर' जैसे हैं. ऐसे में चीन ने ताकतवर देशों की एयरफोर्स की कमजोरियां पता करने का रास्ता खोज निकाला है.
चीन इस देश के साथ करेगा युद्धाभ्यास
चीन 'सिविलाइजेशन ईगल-2025' नाम से अफ्रीकी देश मिस्र के साथ एक हवाई युद्धाभ्यास करने वाला है. ये अप्रैल के मध्य से शुरू होकर मई तक चलेगा. अब बात ये उठती है कि चीन ने युद्धाभ्यास के लिए एक अफ्रीकी देश को क्यों चुना? ड्रैगन ने बहुत सोच-समझकर ये फैसला किया है, क्योंकि मिस्र ऐसा देश है जिसके पास राफेल, मिग 29 और F-16 हैं.
इन फाइटर जेट्स पर ड्रैगन की नजरें
इस युद्धाभ्यास में चीन इन राफेल, मिग 29 और F-16 की तकनीक का पता लगा लेगा. साथ ही ये भी जानने की कोशिश करेगा कि इन विमानों की कमजोरी क्या है. यह युद्धाभ्यास चीन को सैन्य दृष्टि से तो लाभ देगा ही, बल्कि बड़ी रणनीति बढ़त भी दे सकता है. गाजा युद्ध से पैदा हुए क्षेत्रीय तनाव और इजरायल के साथ खट्टे रिश्तों के कारण मिस्र चीन से नजदीकियां बढ़ा रहा है. चीन भी मिस्र को 'विभीषण' की तरह इस्तेमाल करने से नहीं चूकने वाला.
इन देशों के लिए भी चिंता की बात
चीन और मिस्र का युद्धाभ्यास केवल भारत के लिए चिंता का विषय नहीं है, बल्कि अमेरिका, ताइवान और फिलीपींस जैसे देशों की पेशानी पर भी पसीना आ सकता है. F-16 अमेरिका ने बनाया था, लिहाजा इसकी तकनीक चीन को समझ आई तो वह इसका तोड़ खोज निकालेगा. ताइवान और फिलीपींस के पास भी F-16 फाइटर जेट है, इसलिए इनके लिए खतरा पैदा हो सकता है.
ये भी पढ़ें-पुतिन के हाथ लगा 'तबाही का सामान'! इस मुस्लिम देश का हथियार यूक्रेन में बरसा रहा मौत
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.