नई दिल्ली. उपरोक्त अमेरिकी बयान में चीन के लिए बड़ा संदेश छुपा है जो यह बताता है कि चीन की हर गतिविधि का विश्लेषण किया जाता है अमेरिका में. साथ ही इस बयान का ऊपरी संदेश चीन को यह आगाह भी करता है कि अमेरिका चीन के हर गलत काम का विरोध करेगा और चीन को दुनिया का दरोगा नहीं बनने दिया जाएगा.
विदेश मंत्री ने जारी किया बयान
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने पिछले कुछ समय से चीन पर अमेरिकी गुस्सा निकालने का कोई मौक़ा हाथ से जाने नहीं दिया है. अब पॉम्पियो ने अमेरिका का संदेश चीन को इन शब्दों में पहुंचाया है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शासन में चीन ऐसी कोशिशों का प्रयोग इसलिए कर रहा है क्योंकि वह ये देखना चाहता है कि उसकी ऐसी नापाक हरकतों पर दूसरे देश उसका विरोध करेंगे या नहीं.
चीन पर भड़के पॉम्पियो
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो एक बार फिर चीन पर भड़के और इस बार उन्होंने चीन द्वारा भारत-भूटान के क्षेत्रों में घुसपैठ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि चीन की ऐसी गतिविधियां उसके इरादे जाहिर करती हैं. यहां अहम बात ये भी है कि भारत ने इस घुसपैठ को चीन का विस्तारवाद करार दिया था और भारत के इस आरोप को चीन ने ख़ारिज किया था.
गलवान क्षेत्र में चीनी घुसपैठ
भारत और चीन की सेना के बीच सैन्य गतिरोध तीन माह पहले 5 मई को शुरू हुआ था जब चीन की सेना ने लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई इलाकों में अतिक्रमण किया था और इसका भारत द्वारा तीखा विरोध हुआ था. इतना ही नहीं चीन की धोखेबाज हरकत की वजह से जून माह में गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी जिसमें भारत के बीस और चीन के चालीस जवानों की जानें गईं थीं.
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