नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से लगभग सभी देश प्रभावित हैं. कुछ देशों में इसका प्रभाव कम है तो कुछ देशों में इसका प्रभाव वीभत्स रूप ले चुका है. अमेरिका से लेकर भारत तक लगभग 200 देश इसकी चपेट में हैं. इस प्रचंड महामारी का जन्म तो चीन में हुआ था लेकिन ये सिर्फ चीन तक ही सीमित नहीं रही. चीन ने इसका संक्रमण झूठ बोलकर पूरी दुनिया में फैला दिया. कोरोना वायरस ने सबसे पहले साउथ कोरिया, ईरान ताइवान, सिंगोपुर जैसे देशों को अपना शिकार बनाया था. इसके बाद ईरान को छोड़कर बाकी किसी भी देश में दाल न गली तो फिर कोविड-19 ने यूरोप का रुख किया.
सिंगापुर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इन देशों पर किया व्यापक शोध
सिंगापुर यूनिवर्सिटी ने वैज्ञानिकों ने अमेरिका, इटली, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, और स्पेन में कोरोना के संक्रमण के पैटर्न और फैलाव का विस्तृत अध्ययन किया है. इन वैज्ञानिकों के अभी तक इटली और स्पेन को लेकर जारी किए गए आंकड़े और भविष्यवाणी काफीहद तक सही रही है. हालांकि भारत के मामले में ये कितनी सटीक है इसके लिए मई तक तो इंतज़ार करना होगा.
कब और कहां खत्म होगा संक्रमण
समय के साथ बदलते हालातों और कोरोना संक्रमितों की संख्या पर नजदीकी नज़र रखते हुए जो दावा सिंगापुर यूनिवर्सिटी का है उसके मुताबिक आपको बताते हैं कि कब और कहां ये जानलेवा वायरस खत्म होगा?
97 फीसदी तक घटने का अनुमान
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दुनिया में 97 फीसदी तक कोरोना संक्रमण 29 मई को खत्म हो सकता है. साथ ही विश्वविद्यालय ने अनुमान व्यक्त किया है कि भारत में ये 21 मई तक समापन तक पहुंच जाएगा जो सबसे अहम है. इसके अलावा अमेरिका में 11 मई, इटली में 7 मई, सिंगापुर में 5 मई , फ्रांस में भी 5 मई, स्पेन में 3 मई तक समाप्त हो जाएगा.
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बिना वैक्सीन के भी इस बीमारी से कैसे उबरेगा विश्व
भारत के लिए 21 मई तक कोरोना संक्रमण खत्म होने की ये खबर बहुत राहत भरी कही जा सकती है. जो पैटर्न अभी तक कोरोना के संक्रमण में नज़र आ रहा है वो इशारा तो कुछ ऐसा ही कर रहा है. आपको बता दें कि पिछले एक महीने की तुलना करें तो दक्षिण के राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार काफी धीमी हुई है. तमिलनाडु,कर्नाटक और केरल के उदाहरण से समझते हैं.
दक्षिण भारत में धीमी हुई रफ्तार
24 मार्च को तमिलनाडु में कोरोना संक्रमण के रोजाना बढ़ने की औसतन रफ्तार 47.2 प्रतिशत थी जो 23 अप्रैल को घटकर 4.1 प्रतिशत हो गई. इसी तरह कर्नाटक में 24 मार्च को संक्रमण दर 18.9 और केरल में 20.3 थी जो 23 अप्रैल को घटकर क्रमशः 3.4 और 1.8 प्रतिशत रह गई है.
तीसरी स्टेज से दूर है भारत
सबसे अच्छी बात ये है कि टेस्टिंग बढ़ाए जाने के बावजूद भी हमारे जो पॉजिटिव मामले हैं और उनकी संख्या 3-4 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ रही है इसलिए बहुत विश्वास के साथ ये नहीं कहा जा सकता है किसब एक्सपर्ट से बात करने के बाद भी क्योंकि ये भय सबके मन में रहता है कि कहीं भारत स्टेज थ्री में तो नहीं चला गया है लेकिन हम निश्चित रूप से अपने देश को स्टेज थ्री में जाने से अभी तक आप सब के सद प्रयासों से बचा कर रख पाए हैं. हालांकि इस बीच देश में कई नए हॉट स्पॉट भी बने हैं.
नए शहर बड़े हॉटस्पॉट में बदले ऐसे में ये दावा कितना सही?
कोरोना के संक्रमण पैटर्न को चीन के डेटा से समझा जा सकता है. वुहान में संक्रमण से लेकर उसके अस्पताल में संक्रमण के खत्म होने तक की तस्वीर अब एक डेटा या पैटर्न के तौर पर
हमारे सामने है. सिंगापुर ने वैज्ञानिकों ने इसी डेटा की स्टडी की औग्राफिकल प्रोजक्शन बनाया. सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने चीन में वायरस के संक्रमण पैटर्न के आधार पर ये भविष्यवाणी की है. इसके मुताबिक चीन में 8 फरवरी से मामले बढ़ने बंद हो गए थे. जिसमें बाद 27 फरवरी तक चीन में कोरोना के 97 फीसदी मामले खत्म हो चुके थे. वहीं 4 मार्च तक चीन से कोरोना 99 फीसदी खत्म हो गया था और 9 अप्रैल तक पूरे वायरस का सफाया हो गया. अब वुहान के अस्पताल में संक्रमितों की संख्या शून्य हो चुकी है.
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर जिस दिशा में हम बढ़ रहे हैं और जो वैज्ञानिकों का अब तक आकलन है उन दोनों ने अपना काम किया तो भारत इस कोरोना की विभीषिका से निकलकर विश्व में और चमक के साथ उठ खड़ा होगा क्योंकि भारतीयों की एकता, संकल्पशक्ति और संघर्ष तीनों की जीत होगी.