दिल्ली हिंसाः भारत का विरोध करना हुआ तो देखिए कैसे शिया खमनेई से जा चिपके सुन्नी इमरान खान नियाजी

 दिल्ली हिंसा के इतने दिनों बाद भी नफरती ताकतें इसे सुलगाने की कोशिश में हैं. ईरान ने भारत के मुसलमानों को देश में खतरा बताया था, जबकि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान नियाजी ने दुख जताया कि दिल्ली हिंसा पर मुस्लिम कम क्यों बोले. आज यह दोनों देश एक हो गए, जबकि शिया-सुन्नी मसले पर इन्होंने भयंकर मारकाट मचाई है. शिया हों या सुन्नी दोनों हैं तो मुसलमान ही, लेकिन इन दोनों देशों को अपने खून से रंगे हाथ नजर नहीं आ रहे हैं.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 6, 2020, 09:23 PM IST
    • पुलवामा हमले से ठीक एक दिन पहले 13 फरवरी 2019 को ईरान के अशांत सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स को ले जा रही एक बस पर आत्मघाती हमला हुआ था
    • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दिल्ली में हुई हिंसा की आड़ में अपनी भारत विरोधी भड़ास निकालने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं
दिल्ली हिंसाः भारत का विरोध करना हुआ तो देखिए कैसे शिया खमनेई से जा चिपके सुन्नी इमरान खान नियाजी

नई दिल्लीः देश की राजधानी में भड़की दिल्ली हिंसा की आग अब शांत हो चुकी है. जन-जीवन अफसोस भरे तीन दिनों से निकलने की जद्दोजहद में है और फिर से रोजाना की जिंदगी शुरू करने की तैयारी में है. हिंसा कोई नहीं चाहता और लोग बीते हुए को भूलने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सुर्खियों में रही दिल्ली की हिंसा के इतने दिनों बाद भी कुछ नफरती ताकतें इसे भड़काने की कोशिश में जुटी हैं.

इसके लिए वह लगातार जुबानी जहर घोल रहे हैं. अभी ईरानी सुप्रीम लीडर खमनेई की जुबान बंद हुई ही थी कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी ने खमनेई के अल्फाजों को पकड़ लिया है और अब फिजा खराब कर रहे हैं. 

इमरान नियाजी निकाल रहे हैं कोरी भड़ास
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दिल्ली में हुई हिंसा की आड़ में अपनी भारत विरोधी भड़ास निकालने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं. भारत पर निशाना साधने वालों की सराहना करते हुए, वह भारत विरोधी बयान नहीं देने वालों को उकसाने पर भी लगे हैं. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया है कि दिल्ली हिंसा के खिलाफ मुस्लिम जगत में बहुत कम आवाजें उठी हैं.

इमरान ने ट्वीट कर दिल्ली हिंसा और भारत में 'मुसलमानों व कश्मीर के लोगों के दमन व संहार' का मुद्दा उठाने पर ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खमनेई और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान की प्रशंसा की है.

भारत में हिंदू-मुस्लिम सहिष्णुता पर अफसोस जताया
इमरान खान को इस बात का भी दुख है कि दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर मुस्लिमों की ओर से कम आवाजें क्यों उठीं. उन्होंने ट्वीट में मुस्लिम जगत को उकसाने की कोशिश की है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'दुखद है कि मुस्लिम जगत से इसके खिलाफ बहुत कम आवाजें उठी हैं, कम निंदा हुई है.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदू वर्चस्ववादी शासन के खिलाफ अधिक आवाजें पश्चिमी जगत से उठ रही हैं.

खमनेई ने किया था भारत विरोधी ट्वीट
इमरान का ट्वीट खमनेई के इस ट्वीट के बाद आया जिसमें ईरानी सुप्रीम लीडर ने भारत सरकार के लिए कहा था कि वह 'मुसलमानों का संहार रोके. गुरुवार को ईरान के सर्वोच्च नेता खमनेई ने ट्वीट किया, 'भारत में मुस्लिमों के नरसंहार पर दुनियाभर के मुस्लिमों का दिल दुखी है.

भारत सरकार को कट्टर हिंदुओं और उनकी पार्टियों को रोकना चाहिए और इस्लामिक देशों की ओर से अलग-थलग होने से बचने के लिए भारत को मुस्लिमों के नरसंहार को रोकना चाहिए. खमनेई ने ट्वीट के साथ #IndianMuslimslnDanger का भी इस्तेमाल किया था.

ईरानी विदेश मंत्री को भारत ने दी थी चेतावनी
इससे पहले ईरानी विदेश मंत्री ने भी इसी तरह का बयान दिया था जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और कहा था कि उसे अपने देश के आंतरिक मामलों में दखल बर्दाश्त नहीं है और ईरानी विदेश मंत्री को चयनात्मक तरीके से तथ्यों को पेश नहीं करना चाहिए. भारत ने इसके लिए ईरानी राजदूत को समन जारी किया था. 

गैस लीक से जूझ रहा कराची, प्लांट से रिसी क्लोरीन ने 100 को किया बीमार

आपस में लड़ने वाले ईरान-पाक भारत के लिए एक हो गए
ईरान-पाकिस्तान का समीकरण शिया-सुन्नी का रहा है और इसे लेकर दोनों देशों के बीच हमेशा गर्म मिजाजी रार दिखी है. पाकिस्तान में बहुसंख्यक मुसलमान सुन्नी हैं जबकि ईरान में शिया मुसलमानों का बोलबाला है. यही वजह है कि पाकिस्तान और ईरान के संबंध में शिया-सुन्नी समीकरण अहम भूमिका अदा करते हैं.

पाकिस्तान में बहुत अरसे तक शिया-सुन्नी में जमकर हिंसा हुई है. पाकिस्तान पर ईरान ये आरोप लगाता है कि वो शिया-विरोधी गुट का सदस्य है. 

अफगानिस्तान में शुरू हुआ खूनी खेल! शिया रैली में हमला, 27 की जान गई

पिछले साल भी हुआ था हमला
पुलवामा हमले से ठीक एक दिन पहले 13 फरवरी 2019 को ईरान के अशांत सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स को ले जा रही एक बस पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें ईरान के 27 जवान मारे गए थे. सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी समूह जैश अल-अद्ल ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी.

ईरान का सीधा आरोप है कि पाकिस्तान की फ़ौज और ख़ुफ़िया एजेंसी इन चरमपंथियों को पनाह देती है. ईरान ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि उसे इसकी भारी क़ीमत चुकानी होगी. लेकिन पाकिस्तान इस आरोप को गलत बताता है.

 

ट्रेंडिंग न्यूज़