नई दिल्ली: ब्रिटिश सरकार भी कम घबराई हुई नहीं है. कोरोना के ऑउटब्रेक ने देश की बुरी हालत कर रखी है. इसलिए सरकार को कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए सेना बुलाकर अस्पताल बनाने की जिम्मेदारी सौंपनी पड़ी और सरकार का पूरी तत्परता से कोरोना के खिलाफ जंग में साथ निभाया देश की सेना ने.
10 दिनों में तैयार कर दिया अस्पताल
इधर ब्रिटिश सरकार ने आदेश दिया और उधर सेना ने काम शुरू किया. दस दिन में सेना ने जो अस्पताल तैयार कर दिया उसे देख कर देखने वालों ने दांतों तले ऊँगली दबा ली. इस 4000 बेड का इमरजेंसी हॉस्पिटल को नाइटेंगल हॉस्पिटल नाम दिया गया है. अब किसी भी दिन से इस हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का इलाज शुरू भी हो सकता है.
लंदन में बना है अस्पताल
कोरोना के मरीजों के लिए बना ये विशेष अस्पताल राजधानी लंदन में बनाया गया है. पूर्वी लंदन के डॉकलैंड जिले में एक्सेल कन्वेंशन सेंटर को सरकार से अनुमति ले कर सेना ने अस्पताल में बदल दिया है. इस कोरोना हॉस्पिटल में दो-दो हजार बेड वाले दो वार्ड बनाए गए हैं. इससे पहले इसी तरह त्वरित गति से चीन ने भी 10 दिन में एक हजार बेड का हॉस्पिटल बनाया था.
कर्नल एश्लेग बोरेम ने किया नेतृत्व
इस कोरोना अस्पताल का सफलतापूर्वक निर्माण का श्रेय दिया गया है कर्नल एश्लेग बोरेम के नेतृत्व को. कर्नल एशलेग बोरेम ने कहा है कि उन्होंने इस हॉस्पिटल का निर्माण अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा मिशन बना लिया था.
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कर्नल एशलेग ने ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस को इस प्रोजेक्ट की सफलता का श्रेय दिया. और कहा की एनएचएस के नेतृत्व में ही यह मुश्किल कार्य सम्भव हो सका है.
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