नई दिल्लीः आस्ट्रेलिया की संसद ने कानून में संशोधन पारित कर दिया है जिसके बाद डिजिटल क्षेत्र की बड़ी कंपनियों गूगल और फेसबुक को समाचार के लिये उचित भुगतान करना होगा.
यह कानून प्रभाव में आने के लिये तैयार है. हालांकि, कानून के निर्माताओं का कहना है कि डिजिटल कंपनियों को मीडिया क्षेत्र में समझौते करने में अभी कुछ समय लगेगा.
मंगलवार को बनी सहमति
आस्ट्रेलिया की संसद ने इस संबंध में गुरुवार को न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड में संशोधन को पारित कर दिया. इस संबंध में ट्रेजरर जोश फ्रेडेनबर्ग और फेसबुक के कार्यकारी प्रमुख मार्क जुकरबर्ग के बीच मंगलवार को सहमति बनी थी.
कंपनियों के बीच असंतुलन दूर होगा
कानून का मसौदा तैयार करने वाले प्रतिस्पर्धा नियामक रॉड सिम्स ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर प्रसन्नता है कि इस संशोधित कानून से बाजार का असंतुलन दूर होगा. इससे आस्ट्रेलियाई समाचार प्रकाशकों और इंटरनेट तक पहुंच रखने वाली दो कंपनियों के बीच असंतुलन दूर होगा.
मजबूत स्थिति का लाभ नहीं उठा पाएंगी कंपनियां
सिम्स ने आस्ट्रेलियाई प्रसारण निगम से कहा, ‘‘सभी संकेत अच्छे हैं.’’ गूगल पहले ही आस्ट्रेलिया के प्रमुख समाचार व्यवसाय के साथ हाल ही में समझौते कर चुका है. इनमें नयूज कार्प और सेवन वेस्ट मीडिया शामिल हैं.
कानून में संशोधन इस प्रकार किया गया है जिससे कि फेसबुक और गूगल की आस्ट्रेलिया के समाचार प्रदाताओं के साथ बातचीत में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग नहीं कर सकेंगे. दुनिया की ये दोनों शीर्ष डिजिटल कंपनियां अब अपनी मजबूत स्थिति का लाभ नहीं उठा पाएंगी और औने- पौने दाम पर समाचार व्यवसाय के लिये करार नहीं कर सकेंगी.
भारत में क्या है स्थिति?
इस तरह के नियम की मांग भारत में पिछले काफी समय से हो रही हैं. फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियां न्यूज वेबसाइट की खबरों को दिखाती हैं. इसके बदले ये कंपनियां अरबों रुपये की कमाई करती हैं, लेकिन उसे वेबसाइट के साथ शेयर नहीं करतीं. News कंपनियों का दावा है कि उनके समाचारों से ही फेसबुक जैसी कंपनियों पर लोगों की विश्वसनीयता कायम होती है.
ऐसे में अब इन कंपनियों के लिए राजस्व साझा करने वाले नियम की मांग हो रही है. भारत में इसके लिए उम्मीद इसलिए भी की जा रही है क्योंकि पिछले दिनों भारत ने ट्विटर को कई मामलों में चेताया है.
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