अगर युद्ध विराम लागू नहीं किया तो...G7 देशों की रूस को धमकी

Sanctions on Russia: पिछले महीने ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच तनावपूर्ण बैठक हुई, जहां अमेरिका ने मदद भी रोकी, लेकिन अब मदद दोबारा शुरू हो गई है और मॉस्को को जवाबदेह ठहराने के लिए नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Mar 16, 2025, 12:58 PM IST
अगर युद्ध विराम लागू नहीं किया तो...G7 देशों की रूस को धमकी

G7 countries threaten Russia: G7 देशों ने ऐसा संकेत दिया है कि वे रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं. साथ ही यूक्रेन की रक्षा को मजबूत करने के नजरिए से रूसी संपत्तियों को जब्त भी किया जा सकता है. दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मॉस्को के साथ युद्धविराम समझौते पर काम कर रहे हैं.

इस बीच कनाडा में एक बैठक के दौरान, जी7 विदेश मंत्रियों ने प्रस्तावित युद्धविराम को लागू ना करने पर रूस के खिलाफ अधिक आर्थिक दंड लगाने पर चर्चा की. बता दें कि यूक्रेन 30-दिवसीय युद्धविराम योजना पर सहमति व्यक्त कर चुका है. लेकिन रूस ने अभी तक कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है.

और प्रतिबंधों का क्या मतलब होगा?
जी7 के बयान में संभावित जिन बातों का उल्लेख किया गया उससे मतलब है- रूसी तेल निर्यात पर कड़े प्रतिबंध और 2022 में जब्त की गई लगभग €300 बिलियन ($325 बिलियन) की जमी हुई रूसी केंद्रीय बैंक संपत्तियों से राजस्व का पुनर्प्रयोजन शामिल है.

पश्चिमी सहयोगी मास्को पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए रणनीतियों का समन्वय कर रहे हैं. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस और जर्मनी ने पहले यूरोपीय संघ में रखी रूसी संपत्तियों को जब्त करने का विरोध किया था, लेकिन अब वह अपने रुख पर पुनर्विचार कर रहे हैं.

यूनाइटेड किंगडम और अन्य सहयोगियों के साथ इस बात पर बातचीत चल रही है कि यूक्रेन के लाभ के लिए ऐसी संपत्तियों का किस तरह से पुनः उपयोग किया जा सकता है.

कीव से मॉस्को की ओर ध्यान गया
बैठक के बाद बोलते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यूक्रेन की तरफ से रियायतें दी गई हैं, लेकिन रूस को भी समझौता करना होगा.

रुबियो ने कहा, 'मैंने राष्ट्रपति ट्रंप को कभी यह कहते नहीं सुना कि रूस को यूक्रेन पर कब्जा करने और वहां जो चाहे करने का अधिकार है.'

बता दें कि यूक्रेन के मानने के बाद ट्रंप की टीम ने तत्काल युद्धविराम को अपनाने के लिए रूस से कहा, लेकिन उसके द्वारा कई अन्य मांगों को खड़ा कर दिया, जिससे रणनीति को बदलने पर जोर दिया जा रहा है.

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा, 'अब यूक्रेन के मामले में गेंद रूस के पाले में है.'

बता दें कि पिछले महीने ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच तनावपूर्ण बैठक हुई, जहां अमेरिका ने मदद भी रोकी, लेकिन अब मदद दोबारा शुरू हो गई है और मॉस्को को जवाबदेह ठहराने के लिए नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं.

क्षेत्रीय विवाद मुख्य चिंता का विषय
पुतिन ने युद्ध विराम के लिए सामान्य समर्थन व्यक्त करते हुए संकेत दिया कि अभी अनसुलझे मुद्दे बने हुए हैं. इस बीच, रूसी सेना कुर्स्क क्षेत्र में आगे बढ़ गई है, जहां यूक्रेन ने पिछले साल 1,000 वर्ग किलोमीटर (386 वर्ग मील) से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. जेलेंस्की ने स्वीकार किया कि क्षेत्रीय विवाद वार्ता में सबसे कठिन चुनौती होगी. उन्होंने कहा कि युद्ध विराम और क्षेत्र वार्ता सबसे कठिन क्षण होते हैं.

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