इजरायल, UAE, बहरीन और अमेरिका के रिश्ते मजबूत होने से भारत को सबसे अधिक लाभ

इजरायल, यूएई, बहरीन और अमेरिका, चारों देशों से भारत के रिश्ते सबसे अच्छे दौर से गुज़र रहे हैं इसीलिए इस समझौते से भारत को भी बड़ा फायदा होने वाला है. वहीं ईरान और पाकिस्तान के लिए ये एक बुरी ख़बर है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 16, 2020, 02:15 PM IST
    • इन चारों देशों के बीच ऐतिहासिक समझौते से भारत को फायदा
    • इजरायल, यूएई, बहरीन और अमेरिका ने दिया दुनिया को झटका
    • चीन, पाकिस्तान और ईरान के लिए सबसे बुरी खबर क्या है? जानिए
इजरायल, UAE, बहरीन और अमेरिका के रिश्ते मजबूत होने से भारत को सबसे अधिक लाभ

नई दिल्ली: इजरायल और यूएई ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ है. जिससे इजरायल की स्वीकार्यता दुनियाभर के मुस्लिम देशों में बढ़ जाएगी. इस समझौते से इजरायल की स्थिरता और सुरक्षा को भी काफी फायदा होगा. आपको बता दें, इजरायल काफी लंबे वक्त से मध्य-पूर्व के देशों के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए कोशिशें कर रहा था. लेकिन इसमें सबसे बड़ा रोड़ा इस्लामिक कंट्टरपंथी सोच बनकर खड़ा था.

इस्लामिक कट्टरपंथी सोच को बड़ी चोट

इजरायल और UAE के बीच ये सिर्फ एक ऐतिहासिक समझौता नहीं है, बल्कि इस समझौता के जरिए इस्लामिक कट्टरपंथी सोच को बहुत बड़ी चोट पहुंची है. इसी सोच ने अमेरिका और इज़राइल से रिश्ते सुधारने से खाड़ी देशों को हमेशा रोका. लेकिन अब निश्चित तौर पर इसके ढ़ेरों फायदे होंगे, लेकिन मुख्य 4 देशों को 4 बड़े फायदे होते दिख रहे हैं.

फायदा नंबर 1). खाड़ी देशों को व्यापार के लिए अवसर मिलेंगे
फायदा नंबर 2). इजरायल मिडिल-ईस्ट क्षेत्र में अलग-थलग नहीं रहेगा
फायदा नंबर 3). डॉनल्ड ट्रंप भी विदेश नीति के साधक के तौर पर देखे जाएंगे
फायदा नंबर 4). ईरान के लिए नई रणनीतिक समस्या खड़ी हो गई है

भारत के लिए ये समझौता कैसे फायदेमंद?

अब ये समझौता अमेरिका-इजरायल, UAE और बहरीन के के साथ साथ भारत के लिए भी अहम और फायदेमंद साबित होने वाला है. ज़रा समझिए, कैसे ये अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत को लाभ पहुंचाएगा.

इस समझौते से तीन देशों को बहुत बड़ा झटका लगा है. जिनमें ईरान, चीन और पाकिस्तान का नाम शामिल है. क्योंकि चाहें पाकिस्तान हो या फिर ईरान दोनों ने ही इजरायल को सीधे तौर पर न तो मान्यता दी है और न ही इजरायल के साथ कोई राजनयिक संबंध रखे हैं. इसके अलावा चीन को इसलिए झटका लगा है क्योकि मध्यपूर्व के देशों जो उसने पकड़ मजबूत करने के लिए तिकड़मबाजी की, उसपर पानी फिरता दिख रहा है.

इस बात से बिल्कुल स्पष्ट है कि भारत के खिलाफ शी जिनपिंग, इमरान खान और आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनई की साजिशों को इस समझौते से बहुत बड़ा धक्का पहुंचा है.

ऐसे इजरायल पर भारत का प्रभाव बढ़ेगा

अरब देशों के लीग में यूएई और सऊदी सुपर पावर हैं, और इजरायल और यूएई के बीच हुए समझौते के बाद भारत खुलकर इजरायल और अरब से अपने रिश्ते बढ़ाएगा. इजरायल और अरब देशों में संबंध नहीं होने की वजह से भारत इजरायल से खुलकर संबंध नहीं रख पाता था. लेकिन अब एक दूसरे को मनाने की नीति खत्म होगी और अरब देशों के साथ ही इजरायल पर भारत का प्रभाव बढ़ेगा. डिफेंस,व्यापार, निवेश में बड़े समझौते बेहिचक होंगे.

वैसे ये समझौता आतंकवाद और विस्तारवाद की नीति पर भी कुठाराघात है, जिसका सबूत भी आज ही मिल गया जब आतंकी संगठन हमास को इजरायल बहरीन और यूएई का समझौता रास नहीं आया और हमास ने इजराइल पर रॉकेट से हमला कर दिया. गाजा पट्टी से किए गए रॉकेट हमले में दो इजराइली नागरिक भी घायल हो गए.

इजरायल, बहरीन और यूएई के बीच हुए ऐतिहासिक शांति समझौते से ईरान, चीन और पाकिस्तान को भी सदमा लगा है. ये तीनों देश अब भारत की बढ़ती ताकत और इन चारों देशों से भारत के सुधरते संबंधों से घबराएंगे. भारत के खिलाफ साज़िशें रचने से पहले सौ बार सोचेंगे.

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