Houthi-Israel Conflict: इजरायल की एयर डिफेंस सिस्टम, दुनिया की सबसे पावरफुल डिफेंस मानी जाती है. लेकिन जिस तरह हूतियों ने इजरायल पर हमला बोलने का दावा किया है. इससे मालूम होता है कि इजरायल का डिफेंस सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हो रहा है. बता दें, यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल के सडोट मिचा एयरबेस और बेन गुरियन एयरपोर्ट पर मिसाइल हमले का दावा किया है. इसके लिए 'फिलिस्तीन-2' और 'जोलफाकर' हाइपरसोनिक व बैलिस्टिक मिसाइलें इस्तेमाल की गईं. अशकलोन में एक ठिकाने पर ड्रोन हमला भी हुआ. यमन की सेना ने इजरायल के खिलाफ ऑपरेशन की पुष्टि की, जबकि इजरायली सेना ने मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने का दावा किया. इस बीच, हूतियों ने अमेरिका का 19वां MQ-9 ड्रोन भी मार गिराने का भी दावा किया है.
हूतियों ने इजरायल पर बोला हमला
रिपोर्ट के मुताबिक, यमन की हूती समर्थित सशस्त्र सेना (YAF) ने सोमवार को इजरायल के दो प्रमुख ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमला किया. इस ऑपरेशन में ‘फिलिस्तीन-2’ और ‘जोलफाकर’ नामक हाइपरसोनिक व बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रयोग किया गया. हमला सडोट मिचा एयरबेस और बेन गुरियन हवाई अड्डे पर किया गया, जो इजरायल के लिए सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं.
YAF के प्रवक्ता याह्या सारी ने कहा कि ऑपरेशन में ड्रोन का भी इस्तेमाल हुआ, जिसने अशकलोन शहर में स्थित एक सैन्य ठिकाने को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. उनका दावा है कि ये हमले ‘दुश्मन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई’ का हिस्सा हैं और फिलीस्तीनी जनता के समर्थन में किए गए हैं.
हूतियों ने इस हमले के बाद 'मिशन सफल' का भी दावा किया है. बता दें, अमेरिका और हूती के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है. वहीं, अमेरिका के मुताबिक, हूती विद्रोही लाल सागर में उनके जहाजों को निशाना बना रहे थे.
अमेरिकी ड्रोन को भी मार गिराया
इजरायल पर हमले के साथ-साथ यमन ने अमेरिका के एक और MQ-9 रीपर ड्रोन को गिराने का दावा किया है. यह अब तक का 19वां अमेरिकी ड्रोन है, जिसे यमन ने निशाना बनाया है. हूती नेताओं ने इसे अमेरिका द्वारा गाजा में हो रहे हमलों में साझेदारी के खिलाफ सीधा संदेश बताया.
यमन के विद्रोही गुटों ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक गाजा में कथित 'नरसंहार' और अमेरिका की सैन्य गतिविधियां बंद नहीं होतीं, उनका प्रतिरोध जारी रहेगा. विशेषज्ञों की माने तो अमेरिकी ड्रोन के गिराए जाने से क्षेत्रीय तनाव और भी अधिक बढ़ गया है. वहीं दूसरी ओर, इस हमले के बाद अमेरिका-हूती टकराव की आशंका भी तेज हो गई है.
इजरायल ने हमला रोकने का किया दावा
इजरायली सेना ने रॉयटर्स को दिए बयान में कहा है कि उसने हूतियों द्वारा दागी गई मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम से सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर लिया. उनका दावा है कि सडोट मिचा और बेन गुरियन एयरबेस पर कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि बेन गुरियन एयरपोर्ट पर हवाई यातायात कुछ समय के लिए रोक दिया गया था.
इजरायली सुरक्षा एजेंसियों ने हमले के बाद अलर्ट बढ़ा दिया है. वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि बार-बार हो रहे ऐसे हमले इजरायल की सुरक्षा रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं, खासकर तब जब इन हमलों में हाइपरसोनिक मिसाइल जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है.
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