नई दिल्ली. इस रिपोर्ट को पढ़ कर आप एक बात और समझ जाएंगे कि दुनिया में मानवाधिकार को लेकर किसी देश पर आँखें तरेरने का अधिकार अब चीन ने खो दिया है. पहले घर सम्हालो फिर पड़ोस में देखना.
5 लाख मुस्लिम बच्चे माता-पिता से अलग
ये वे मुस्लिम बच्चे हैं जिनके माता-पिता को चीनी सरकार जेल में डाल चुकी है और अब इन बच्चों को उसने बोर्डिंग स्कूलों में डाल दिया है. बात तकलीफनाक और हो जाती है जब आपको पता चलता है कि इन बच्चों को अपने अभिभावकों से नहीं मिलने दिया जाता और ये बच्चे स्कूलों में उनसे मिलने के लिए रोते हैं. इस तरह जहां इन बच्चों के मा-बाप को सज़ा दी है चीन ने, इन बच्चों को भी सज़ा दे दी है अपने पैरेंट्स से अलग करके.
लाखों मुसलमान हैं डिटेंशन कैम्पों में
चीन में प्रताड़ित हो रहे ये मुसलमान उइगर और कजाक मुस्लिम्स के नाम से जाने जाते है. ये जानकारी न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि लाखों उइगर और कजाक मुस्लिमों को चीन ने अपने डिटेंशन कैंपों में रखा है, और पांच लाख की संख्या वाले उनके बच्चों को बोर्डिंग स्कूलों में डाल दिया है.
शिनजियांग में 800 बोर्डिंग स्कूल खोले
चीन के शिनजियांग राज्य में इस तरह के आठ सौ बोर्डिंग स्कूल खोले हैं जिनका इस्तेमाल इन मुस्लिम बच्चों को रखने में किया जा रहा है. रिपोर्ट में एक बच्ची की मिसाल दे कर बताया गया है कि उसके पिता मर चुके हैं और उसकी मां को डिटेंशन कैंप में भेज दिया गया है. प्रशासन ने बच्ची को उसकी मां के पास न भेज कर सरकारी बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया है.
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