Dalai Lama News: दलाई लामा ने पहली बार स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके उत्तराधिकारी का जन्म चीन के बाहर होगा. बता दें कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु के बाद उनका पद कौन संभालेगा, इसकी लंबे समय से चर्चा चल रही थी.
अपनी नई पुस्तक वॉयस फॉर द वॉयसलेस में, 14वें दलाई लामा ने पुष्टि की है कि अगले दलाई लामा का जन्म 'स्वतंत्र दुनिया' में होगा. जहां इससे यह सुनिश्चित होता कि संस्था चीनी नियंत्रण से परे तिब्बती अधिकारों और आध्यात्मिक नेतृत्व की वकालत करने की अपनी पारंपरिक भूमिका जारी रखेगी.
रॉयटर्स द्वारा पढ़ी गई पुस्तक में उन्होंने लिखा है, 'चूंकि उत्तराधिकारी का उद्देश्य पूर्ववर्ती के कार्य को आगे बढ़ाना है, इसलिए नए दलाई लामा का जन्म मुक्त विश्व में होगा, ताकि दलाई लामा का पारंपरिक मिशन यानी सार्वभौमिक करुणा की आवाज बनना, तिब्बती बौद्ध धर्म का आध्यात्मिक नेता और तिब्बती लोगों की आकांक्षाओं को मूर्त रूप देने वाला तिब्बत का प्रतीक बनना, जारी रहे.'
वहीं, यह बयान बीजिंग के लिए एक सीधी चुनौती है, जिसने लंबे समय से दावा किया है कि अगले दलाई लामा को मान्यता देने का अंतिम अधिकार उसके पास है. उधर चीन ने तिब्बती नेता की घोषणाओं को खारिज कर दिया है और जोर देकर कहा है कि किसी भी उत्तराधिकारी को बीजिंग द्वारा ही पक्का किया जाएगा.
चीनी विदेश मंत्रालय ने दोहराया है कि दलाई लामा की वंशावली चीन के तिब्बत में विकसित हुई है और उनका उत्तराधिकार देश के कानूनों और परंपराओं के अनुरूप होना चाहिए.
तिब्बत-चीन विवाद
तिब्बत पर बीजिंग का नियंत्रण तब से विवादास्पद मुद्दा रहा है जब 1959 में दलाई लामा चीनी कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ एक असफल विद्रोह के बाद भारत भाग गए थे. तब से वे धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे हैं, जहां निर्वासित तिब्बती सरकार तिब्बती अधिकारों के लिए अपनी वकालत जारी रखे हुए है.
दलाई लामा को चुनने की परंपरा क्या है?
दलाई लामा को तुलकु माना जाता है, जो बोधिसत्व अवलोकितेश्वर का पुनर्जन्म वंश है और उनके उत्तराधिकारी को चुनने की परंपरा सदियों से एक गहन आध्यात्मिक प्रक्रिया रही है. नए दलाई लामा की खोज में तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं द्वारा दर्शन, संकेतों और सपनों की व्याख्या करना शामिल है.
ऐतिहासिक रूप से, यह प्रक्रिया वरिष्ठ भिक्षुओं द्वारा मृतक दलाई लामा के शरीर में शगुन की तलाश से शुरू होती है. उदाहरण के लिए, 13वें दलाई लामा की मृत्यु के बाद उनका शरीर शुरू में दक्षिण की ओर था, लेकिन बाद में पूर्व की ओर ट्रांसफर हो गया, जिसे इस बात का संकेत माना गया कि उनका पुनर्जन्म उसी दिशा में होगा.
भिक्षु तिब्बत में पवित्र ल्हामोई लात्सो झील में भी दर्शन की तलाश करते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह पुनर्जन्म व उत्तराधिकारी के स्थान के बारे में सुराग प्रकट करता है.
एक बार संभावित पुनर्जन्म व उत्तराधिकारी की पहचान हो जाने के बाद बच्चे को कई परीक्षणों से गुजरना पड़ता है, जिसमें पिछले दलाई लामा से संबंधित वस्तुओं को पहचानने की क्षमता भी शामिल है.
वर्तमान दलाई लामा का जन्म 1935 में ल्हामो धोंडुप के रूप में हुआ था. उन्हें दो साल की उम्र में ही पहचान लिया गया था, क्योंकि उन्होंने अपने पूर्ववर्ती द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अनुष्ठानिक वस्तुओं और अन्य संकेतों का सही-सही चयन किया था.
चीन की हस्तक्षेप की योजना?
चीन का दावा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकार में अंतिम निर्णय उसका है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दलाई लामा को अलगाववादी मानती है और तिब्बत पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए उनके पुनर्जन्म को नियंत्रित करना चाहती है.
2011 में बीजिंग ने घोषणा की कि केवल चीनी सरकार ही अगले दलाई लामा की नियुक्ति कर सकती है. निर्वासन में तिब्बती धार्मिक समुदाय द्वारा किए गए किसी भी चयन को अस्वीकार कर दिया.
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