America 360 kiloton nuclear bomb: ईरान कहता है कि वह परमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है, बल्कि उसका परमाणु कार्यक्रम नागरिक उद्देश्यों के लिए है. हालांकि, ईरान के मकसद पर संदेह है, क्योंकि 2002 में उसके गुप्त परमाणु ठिकानों का पता चला था. हालांकि, अमेरिका, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर लगातार चर्चा में है. अब जहां ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौता करीब आता दिख रहा है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ तौर पर धमकी दी है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं रोकी तो अमेरिका उसके परमाणु ठिकानों पर हमला कर देगा. अब सवाल ईरान से आगे बढ़ता है कि आखिर ईरान को धमकी देकर खुद क्यों खतरनाक परमाणु बम बना रहा अमेरिका?
संयुक्त राज्य अमेरिका ने घोषणा की है कि वह B61-13 नामक एक नए परमाणु बम के उत्पादन को आगे बढ़ा रहा है. यह बम 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए बम से 24 गुना अधिक शक्तिशाली है. यह कदम बढ़ते वैश्विक तनाव के कारण देश की परमाणु निवारक प्रणाली को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा बताया जा रहा है.
समय से पहले बन जाएगा खतरनाक बम
B61-13 परमाणु बम को बनाने का काम, तय समय से पहले ही शुरू हो जाएगा और यह अपने मूल शेड्यूल से सात महीने पहले तैयार हो जाएगा. न्यू मैक्सिको में सैंडिया नेशनल लेबोरेटरीज ने इसकी पुष्टि की है. वैज्ञानिकों ने कहा कि यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों से उत्पन्न एक तत्काल और गंभीर खतरे के जवाब में लिया गया.
नया हथियार
B61-13 एक गुरुत्वाकर्षण बम (Gravity Bomb) है. इसका मतलब है कि इसमें कोई मार्गदर्शन प्रणाली नहीं है. इसे विमान से गिराया जाता है और ग्रेविटी का उपयोग करके लक्ष्य की ओर गिरता है. बम को परिवर्तनशील उपज के साथ डिजाइन किया गया है. इससे इसकी विस्फोटक शक्ति को 10 से 360 किलोटन तक समायोजित किया जा सकता है.
लिटिल बॉय से ज्यादा शक्तिशाली
B61-13 हिरोशिमा पर इस्तेमाल किए गए 'लिटिल बॉय' बम से काफी ज्यादा शक्तिशाली है. उस बम की उपज 15 किलोटन थी. B61-13 360 किलोटन तक पहुंच सकता है, जो इसे 24 गुना ज्यादा शक्तिशाली बनाता है.
अमेरिकी सैन्य रणनीति में भूमिका
नया बम पुराने परमाणु हथियारों को बदलने के लिए है. इसका इस्तेमाल B-21 स्टील्थ बॉम्बर्स के साथ किया जाएगा. ये बमवर्षक अपनी परमाणु क्षमताओं को आधुनिक बनाने की अमेरिकी रणनीति का हिस्सा हैं. B61-13 का इस्तेमाल बड़े या अत्यधिक संरक्षित लक्ष्यों के खिलाफ किया जाना है.
मूल B61 बम 1968 में विकसित किया गया था. यह 50 से ज्यादा सालों से इस्तेमाल में है. B61-13 की योजनाएं 2023 में शुरू हुईं. ये योजनाएं रूस के यूक्रेन पर आक्रमण जैसे संघर्षों के बारे में चिंताओं के बाद बनाई गई थीं. ऊर्जा विभाग ने कहा कि नया बम राष्ट्रपति को ज्यादा सैन्य विकल्प देता है.
(खबर अपडेट की जा रही है)