Iran Vs Israel Ballistic Missile Power: ईरान और इजरायल के बीच जमकर लड़ाई हो रही है. दोनों देश एक-दूसरे पर निरंतर हमला कर रहे हैं. ईरान ने इजरायल पर कई भीषण हमले किए हैं, मानो तबाह करने की कसम खा ली हो. हाल ही में ईरान ने इजरायल पर लगभग 300 बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ कई अटैक किए. इन मिसाइल हमलों को रोकने में इजरायल का मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम Iron Dome, David’s Sling, और Arrow फेल हुआ. इजरायल की रक्षा प्रणाली को भेदकर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों को तेल अवीव और रमात गान जैसे अहम स्थानों पर गिराया.
भारत के लिए क्या सबक है?
ईरान और इजरायल के इस अटैक में भारत के लिए भी एक छिपा हुआ सबक माना जा रहा है. इंडियन डिफेंस न्यूज की रिपोर्ट बताती है कि भारत की मौजूदा SRBM (Small Range Ballistic Missile) और MRBM (Medium Range Ballistic Missile) मिसाइलें चीनी ठिकानों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए पर्याप्त दूरी तक नहीं पहुंच सकती हैं. भारत को इंटरसेप्टर मिसाइलों को बढ़ाने, रडार नेटवर्क तैनात करने, AI से इंटीग्रेट करने और हाइपरसोनिक खतरों का मुकाबला करने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे.
चीन के पास बैलिस्टिक मिसाइलों की तगड़ी पावर
भारत के पड़ोसी देश चीन के पास बैलिस्टिक मिसाइलों की तगड़ी पावर है. चीन के पास 1300 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (MRBM), 500 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) और छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (SRBM) हैं. तिब्बती पठार पर से चीन DF-21 मिसाइलों के जरिये राजधानी दिल्ली और उत्तरी भारत के घनी आबादी वाले इलाकों को टारगेट करने की ताकत रखता है.
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम करना होगा मजबूत
भविष्य की स्थितियों और चीन के साथ विवाद को देखते हुए भारत को बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (BMD) मजबूत करना होगा. रिपोर्ट बताती है कि भारत का BMD नेटवर्क स्वोर्डफिश लॉन्ग-रेंज ट्रैकिंग रडार और मल्टीफंक्शन फायर कंट्रोल रडार पर टिका हुआ है. जबकि मौजूदा रडार कन्फिग्यरेशन में एक साथ कई सारे लक्ष्यों को ट्रैक करने और प्रोसेस करने की क्षमता में कमी है.