दिवालिया हो जाएगा कंगाल पाकिस्तान? IMF की 11 नई शर्तों के सामने शहबाज की सिट्टी-पिट्टी गुम, जानें सारा माजरा

IMF conditions Pakistan: IMF पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज देने वाला है. जिसकी अगली किस्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें लगाई हैं. जिसके चलते पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. साथ ही भारत से तनाव कम करने की चेतावनी भी दी है.

Written by - Prashant Singh | Last Updated : May 18, 2025, 05:08 PM IST
  • IMF ने पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज के लिए 11 नई शर्तें जोड़ीं
  • बजट, ऊर्जा, टैक्स और आयात नीतियों में सख्त बदलाव की मांग
दिवालिया हो जाएगा कंगाल पाकिस्तान? IMF की 11 नई शर्तों के सामने शहबाज की सिट्टी-पिट्टी गुम, जानें सारा माजरा

IMF Pakistan 11 conditions: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालत पस्त है. पहले दुनियाभर में आतंक की पोल खुली. बची-खुची इज्जत इंडियन आर्मी ने उतार दी. अब जिस IMF के भरोसे अपनी आखिरी सांस ले रहा है. उसे भी सारा माजरा समझ आ चुका है. यही वजह है कि बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें लगाई हैं. साथ ही भारत को लेकर कड़ी चेतावनी भी दी है. अगर पाकिस्तान इन शर्तों को नहीं मानता है, तो भविष्य में पाकिस्तान का आर्थिक दिवालिया घोषित होना तय है. ऐसे में आइए जानते हैं बेलआउट पैकेज क्या होता है? IMF ने 11 नई शर्तें क्या लगाई हैं, और भारत को लेकर पाकिस्तान को क्या चेतावनी दी है.

IMF क्या है?
आगे जानने से पहले IMF को जान लेते हैं. IMF यानी International Monetary Fund (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष). यह एक वैश्विक वित्तीय संस्था है. जिसकी स्थापना 1944 में हुई थी, और यह 1945 से काम कर रही है. इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी.सी. अमेरिका में है, और इसके 190 से अधिक सदस्य देश हैं.

IMF का मुख्य काम कर्ज देना होता है.  जब भी कोई देश कर्ज में डूब जाता है या विदेशी मुद्रा (foreign reserves) की कमी से जूझता है, तब IMF उसे लोन देता है ताकि वो अपनी अर्थव्यवस्था को संभाल सके. पाकिस्तान का भी यही हाल है. उस पर करीब 130 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज है. जो उसकी जीडीपी का करीब-करीब आधा है. हालांकि, IMF बिना शर्त लोन नहीं देता. वह बजट नियंत्रण, टैक्स सुधार, सब्सिडी में कटौती जैसे कठोर कदमों की मांग करता है.

ऐसी ही कुछ शर्तें पाकिस्तान के सामने रखी गई हैं. बता दें, हाल ही में पाकिस्तान को IMF ने करीब 1 बिलियन डॉलर कर्ज की स्वीकृत दी है. जिसके लिए बेलआउट पैकेज जारी करने से पहले 11 शर्तों के साथ चेतावनी भी दी है.

बेलआउट पैकेज क्या होता है?
शर्तों को जानने से पहले बेलआउट पैकेज के बारे में जान लेते हैं. इसी पैकेज को लेकर पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी गई है. बता दें,  बेलआउट पैकेज एक ऐसी वित्तीय सहायता (Financial Assistance) होती है, जो किसी देश को गंभीर आर्थिक संकट से उबारने के लिए दी जाती है.

ऐसे में जब कोई देश कर्ज में डूब जाता है, उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है, और वह अपनी मूलभूत जरूरतें जैसे वेतन देना, इंपोर्ट का भुगतान करना या कर्ज चुकाना नहीं निभा पाता है, तब IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) आगे आकर उस देश को बेलआउट पैकेज देता है. जिसका मुख्य उद्देश्य देश को आर्थिक दिवालिया होने से बचाना होता है. पाकिस्तान का भी हाल ऐसा ही है. अगर IMF अपना हाथ पीछे खीच ले, तो पाकिस्तान तुरंत आर्थिक दिवालिया घोषित हो जाएगा.

पाकिस्तान के लिए IMF की 11 नई शर्तें क्या हैं?
1. संसद से 2026 का बजट पास कराना- पाकिस्तान को 17.6 ट्रिलियन रुपये का नया बजट IMF के मानदंडों के अनुसार संसद से पास कराना होगा. यह कार्य जून 2025 तक पूरा करना अनिवार्य है.

2. बिजली बिलों पर डेब्ट सर्विसिंग सरचार्ज में बढ़ोतरी की शर्त रखी गई है. जिसके तहत पाकिस्तान को बिजली बिलों में कर्ज चुकाने के लिए लगने वाले सरचार्ज की ऊपरी सीमा (3.21 रुपये प्रति यूनिट) को हटाने के लिए कानून बनाना होगा. जिसकी समयसीमा जून 2025 तक तय की गई है.

3. वहीं तीन साल से अधिक पुराने कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाने की भी शर्त रखी गई है. जिसके लिए संसद में कानून लाकर पुरानी कारों के कमर्शियल आयात पर लगी सभी 3 साल की सीमाओं को हटाना होगा.

4. साथ ही, प्रांतों को कृषि आयकर कानून लागू करने के लिए शर्त रखी गई है. जिसके तहत पाकिस्तान के सभी प्रांतों को एक ऐसा सिस्टम बनाना होगा, जिसमें कृषि आयकर की रिटर्न फाइलिंग, टैक्सपेयर की पहचान, जागरूकता अभियान और अनुपालन योजना शामिल हो. इसकी भी समयसीमा जून 2025 तय की गई है.

5. इसके अलावा, गवर्नेंस डायग्नोस्टिक रिपोर्ट के आधार पर सुधार योजना बनाने की शर्त रखी गई है. जिसके लिए पाकिस्तान सरकार को IMF द्वारा सुझाए गए गवर्नेंस आकलन के मुताबिक एक सार्वजनिक कार्य योजना बनानी होगी, जिससे भ्रष्टाचार और प्रशासनिक खामियों पर लगाम लगाई जा सके.

6. पाकिस्तान को वित्तीय और नियामक ढांचे के लिए 2028 के बाद का एक स्पष्ट रोडमैप बनाना और प्रकाशित करना होगा. जिससे पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य तय हो पाए.

7. बिजली टैरिफ को कॉस्ट रिकवरी लेवल पर बनाए रखने के लिए अधिसूचना जारी करने की शर्त रखी गई है.  इसके लिए 1 जुलाई 2025 तक बिजली दरों में सालाना संशोधन की अधिसूचना जारी करनी होगी, ताकि लागत की भरपाई सुनिश्चित हो सके.

8. गैस टैरिफ में छमाही संशोधन लागू करने की शर्त रखी गई है. जिसके लिए शहबाज सरकार को फरवरी 2026 तक गैस टैरिफ में संशोधन की अधिसूचना जारी करनी होगी, ताकि ऊर्जा दरें लागत के अनुसार बनी रहें.

9. पाकिस्तान को शर्त के मुताबिक, कैप्टिव पावर लेवी को स्थायी बनाने के लिए कानून पास कराना होगा. जिसके लिए पाकिस्तान संसद मई 2025 के अंत तक ऐसा कानून पास करना होगा, जिससे कैप्टिव पावर लेवी स्थायी रूप से लागू हो जाए. इससे इंडस्ट्रीज को नेशनल ग्रिड से बिजली लेने के लिए मजबूर किया जा सकेगा.

10. पाकिस्तान को अब स्पेशल टेक्नोलॉजी जोन्स में मिलने वाली छूट को 2035 तक पूरी तरह खत्म करना होगा. ऐसे में पाकिस्तान को इस साल के अंत तक एक रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिसमें बताया जाए कि किस प्रकार 2035 तक टेक्नोलॉजी जोन और औद्योगिक पार्क्स में दी जाने वाली सभी टैक्स और अन्य छूटों को खत्म किया जाएगा.

11. वहीं IMF की आखिरी शर्त, यूज्ड कार्स के आयात से सभी प्रतिबंध हटाने के लिए कानून बनाने के लिए है. जिसके तहत सरकार को संसद में वह सभी कानून लाने होंगे, जिससे कमर्शियल उपयोग के लिए पुरानी कारों के आयात पर लगे सभी प्रतिबंध खत्म किए जा सकें.

भारत से तनाव को लेकर दी चेतावनी
IMF ने स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव, विशेष रूप से भारत की ओर से किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान के जवाबी प्रयासों ने जोखिम बढ़ा दिया है. हालांकि बाजार में प्रतिक्रिया अभी सीमित रही है, लेकिन IMF ने चेताया है कि यदि तनाव और बढ़ता है तो इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और IMF के साथ उसके प्रोजेक्ट गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं.

ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान की हालत बद से बदतर होना तय है. जिसकी वजह IMF की 11 नई शर्तें हैं. इसके लिए पाकिस्तान को कई कड़े फैसले लेने होंगे. जिसके चलते देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं. साथ ही, राजनीतिक उथल-पुथल भी बढ़ जाएंगे. वैसे भी, भारत की आतंक पर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान चौतरफा घिर चुका है.

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