ग्लोबल टाइम्स में चाहें कितनी करो छपाई, चीन से 62 का बदला लेने की बारी आई
दुनिया से खुद को घिरता हुआ देख चीन तिलमिलाया और बौखलाया हुआ है. तभी को अपने सरकारी अखबार के जरिए भारत को सलाह दे रहा है कि चीन को अमेरिका के चश्मे से ना देखे. लेकिन ड्रैगन को ये समझाना जरूरी है कि अब उसकी एक भी गलती भारत को 62 का बदला लेने के लिए मजबूर कर देगा..
नई दिल्ली: बॉर्डर पर हिमाकत कर रहा चीन अब अपने विनाश का प्लान तैयार कर रहा है. लद्दाख में LAC पर भारत के खिलाफ चीन जो साजिश रच रहा था, उसके पीछे की मंशा अब जाकर सामने आई है. कोरोना का गुनहगार चीन अपना पाप छिपाने के लिए युद्ध वाली चाल चल रहा है. अब हिंदुस्तान के लिए 62 का बदला लेने की बारी आ गई है.
हिन्दुस्तान की ललकार, लद्दाख पर चीन से आर-पार!
लद्दाख पर चीन की चालबाजी से हिन्दुस्तान डरने वाला नहीं है. सीमा पर चीन लगातार सेना और हथियारों की तैनाती बढ़ा रहा है, भारत के हौसले टूटने वाले नहीं हैं. चीन की ये सब कदम उसकी बौखलाहट दिखाते हैं कि कैसे भारत की रफ्तार से वो जल रहा है. चीन के सरकारी अखबार के आर्टिकल से भी ये साबित हो जाता है. ग्लोबल टाइम्स में छपे आर्टिकल में भारत को चीन को अमेरिकी चश्मे से ना देखने की सलाह दी गई है.
कोरोना वायरस फैलाने के जुर्म को लेकर पूरी दुनिया का दबाव झेलते-झेलते चीन तिलमिला उठा है. चीन अब भारत के विवाद को हवा देकर दिमागी चाल चल रहा है. पहले हिन्दुस्तान के बढ़ते विकास को लेकर जलने वाले चीन ने लद्दाख में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई, अब भारत की गलवान घाटी पर अपना पूरा दावा पेश करने की हिमाकत कर रहा है. ये दावा चीन के सरकारी अखबार और सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्य समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने किया है.
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की हिमाकत
इस अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर मौजूदा तनाव के लिए भारत को जिम्मेदार बताया गया है. इतना ही नहीं गलवान घाटी को इस अखबार ने चीन के अधिकार वाली घाटी बताया है. इस लेख में ये भी दावा किया गया है कि यहां ऐसे हालात रहे तो डोकलाम घटनाक्रम से भी अधिक मामला गरमा सकता है.
चीन के सरकारी अखबार की गुस्ताखी यहीं नहीं रुकी, इस लेख से ड्रैगन की बुरी नीयत तो सामने आ गई, वहीं अपने आर्टिकल में ग्लोबल टाइम्स ने ये भी लिखा कि भारत को सीमा पर शांति के लिए पश्चिमी देशों के नजरिए से चीन के बारे में सोचना बंद कर देना चाहिए. इसका मतलब ये कि चीन ने हिन्दुस्तान को ये धमकी देते हुए कहा कि कोरोना पर दुनिया जो सोच रही है उसे नजरअंदाज करते हुए भारत को अलग सोच रखनी चाहिए. मतलब चीन चाहता है कि भारत उसके गुनाहों पर पर्दा डाले. लेकिन चीन ये भूल रहा है कि हिन्दुस्तान उसकी धमकी से डरने वाला नहीं है. बल्कि 62 का बदला लेने वाला ये नया हिन्दुस्तान है.
व्यापार में नुकसान होता देख धमका रहा है चीन
इस आर्टिकल में यहां तक लिखा गया है कि हिन्दुस्तान के कुछ लोग ये सोचते हैं कि सुस्त अर्थव्यस्था और कोरोना को लेकर पश्चिमी देशों का जो आरोप चीन पर लग रहा है वो भारत के लिए एक सुनहरा मौका है. और अगर चीन के साथ भारत उलझता है तो दुनिया उसकी साथ देगी, तो भारत ये बहुत बड़ी गलती कर रहा है.
हां ये समझने की आवश्यकता है कि जिस कोरोना वायरस ने दुनिया में तबाही और त्राहिमाम मचा रखा है. उसपर चीन के गुनाहों पर भारत चुप्पी साधे रहे. कहां तक चीन पूरी दुनिया से इस मसले और गुनाह के लिए माफी मांगेगा, वो उल्टे धमकी दे रहा है. लेकिन उसे काफी सारी गलतफहमियां है.
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ताकत के नशे में चूर चालबाज़ चीन सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है. क्योंकि इस वक्त चीन का भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों से विवाद चल रहा है. लेकिन चीन शायद ये भूल रहा है कि उसने पहले ही कोरोना वायरस को लेकर इतना बड़ा अपराध कर दिया है, जिसकी वजह से वो चौतरफा घिर रहा है. दुनिया के हर बड़े देश चीन को सबक सिखाने के लिए बेकरार हैं और ड्रैगन के उसके किये की सजा देना चाहते हैं. चाइना अपने सरकारी मीडिया में छपाई करके भारत को बार-बार घुड़की दे रहा है, लेकिन उसे पता होना चाहिए कि इस बार भारत 62 का बदला लेने के लिए तैयार है.
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