India Making Ashwini Radar: भारत और चीन के बीच बीते कुछ सालों में दूरियां बढ़ी हैं. चीन भारत के खिलाफ अपनी रणनीति पर काम करता रहता है. अब भारत ने भी चीन की ताकत को कम करने या इसका जवाब देने का निर्णय लिया है. भारत हवा में अपनी निगरानी बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रहा है. खासकर, चीन की ओर से बढ़ रहे हवाई सैन्य खतरे का जवाब देने के लिए भारत बड़ा कदम उठाने जा रहा है.
भारत बनाएगा अश्विनी रडार
खबर है कि इंडियन एयरफोर्स (IAF) को स्वदेशी रूप से विकसित अश्विनी लो-लेवल ट्रांसपोर्टेबल रडार से लैस किया जा रहा है. हाल ही में रक्षा मंत्रालय के माध्यम से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ अश्विनी रडार की आपूर्ति के लिए एक बड़ी डील हुई है. इस डील की अनुमानित लागत 2,906 करोड़ रुपये के आसपास है. यह परियोजना भारत के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों का हिस्सा है. ये एयरफोर्स की ताकत में भी इजाफा करेगा.
अश्विनी रडार में क्या खासियत?
- इस रडार में Identification Friend or Foe (IFF) सिस्टम होगा, जो दोस्त और दुश्मन के विमानों की पहचान कर सकेगा.
- यह रडार दिशा और ऊंचाई दोनों में इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग करता है, जिससे हवाई टारगेट को चार आयामों (दूरी, दिशा, ऊंचाई और गति) में ट्रैक कर सकता है.
- रडार इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटरमीजर्स (ECCM) की मदद से यह दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप को बेअसर कर सकता है.
- यह रडार खुद-ब-खुद फाइटर जेट और ड्रोन का पीछा करने का काम कर सकेगा.
चीन की निगरानी करने में होगी आसानी
चीन ने बीते कुछ वर्षों में लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे में सैन्य गतिविधियों को बढ़ाया है. ड्रैगन ने अपना J-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान और HQ-9 मिसाइल रक्षा प्रणालियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किया है. लिहाजा, भारत का अश्विनी रडार इनकी निगरानी करने में सक्षम होगा.
ये भी पढ़ें-चीन के हथियार भी 'चाइनीज आइटम' जैसे! पाकिस्तान ने खरीद तो लिए, मगर BLA के सामने एकदम फिसड्डी
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.