India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान के बीच कितनी बार हुआ है सीजफायर? जानिए कैसे पाकिस्तान हर बार करता है इसका उल्लंघन

india pakistan ceasefire updates: भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक कई बार सीजफायर हुए हैं, लेकिन ज्यादातर समय इनका उल्लंघन भी हुआ है. 1949 से लेकर 2025 तक दोनों देशों ने अलग-अलग मौकों पर युद्धविराम समझौते किए, मगर सीमाओं पर शांति ज्यादा समय तक नहीं टिक पाई.   

Written by - Shantanu Singh | Last Updated : May 11, 2025, 03:54 PM IST
  • 1949 से 2025 तक कई सीजफायर समझौते हुए
  • हर बार पाकिस्तान ने किया है इसका उल्लंघन
India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान के बीच कितनी बार हुआ है सीजफायर? जानिए कैसे पाकिस्तान हर बार करता है इसका उल्लंघन

india pakistan ceasefire updates: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान तिलमिला उठा. भारत पर कार्रवाई की नापाक कोशिश उल्टा उसी पर भारी पड़ गई. भारत ने ताबड़तोड़ कई मिसाइलें दागीं, जिसकी चपेट में आने से पाकिस्तान के दर्जनों एयरबेस ध्वस्त हो गए. हालांकि, कल शाम 5 बजे दोनों देशों के बीच सीजफायर का समझौता हुआ. उसके बाद भी पाकिस्तान की ओर से नापाक कोशिशें की गईं. जिसको लेकर भारत ने आखिरी चेतावनी भी दी. ऐसे में देखा जाए तो भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध हमेशा से ही तनावपूर्ण रहे हैं. हाल ही में दोनों देशों ने एक बार फिर सीजफायर पर सहमति जताई है, लेकिन इतिहास गवाह है कि ऐसे समझौते पहले भी हुए हैं और अक्सर पाकिस्तान की तरफ से इनका उल्लंघन भी हुआ है. आइए, जानते हैं कि अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कितनी बार सीजफायर हुआ है और उनका क्या परिणाम रहा है.

1949: कराची समझौता
1947-48 के पहले भारत-पाक युद्ध के बाद, दोनों देशों ने जनवरी 1949 में संयुक्त राष्ट्र के कहने पर कराची समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत 'सीजफायर लाइन' निर्धारित की गई, जिसे बाद में 'लाइन ऑफ कंट्रोल' कहा गया. इसका उद्देश्य था कश्मीर में शांति स्थापित करना, लेकिन यह समाधान भी बहुत दिनों तक नहीं चल पाया.

 1965: ताशकंद समझौता
1965 के युद्ध के बाद, सोवियत संघ की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान ने ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत दोनों देशों ने युद्धविराम और कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस करने पर सहमति जताई. हालांकि, यह समझौता भी लंबे समय तक शांति नहीं ला सका.

1972: शिमला समझौता
1971 के युद्ध के बाद, भारत और पाकिस्तान शिमला समझौते के लिए राजी हुए, जिसमें 'सीजफायर लाइन' को 'लाइन ऑफ कंट्रोल' का नाम दिया गया. इस समझौते का उद्देश्य था दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंध स्थापित करना, लेकिन इसके बावजूद दोनो देशों के बीच संघर्ष होते रहे हैं.

1999: कारगिल युद्ध
1999 में कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तान की सेना और आतंकवादियों ने घुसपैठ की, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हुई. अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा और एक बार फिर सीजफायर की स्थिति बनी.

2003: सीजफायर समझौता
2003 में, दोनों देशों ने एक बार फिर सीजफायर पर सहमति जताई, खासकर नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी रोकने के लिए. इस समझौते के बाद कुछ समय तक शांति रही, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से कई बार इस समझौते का उल्लंघन किया गया.

2025: हालिया सीजफायर
अप्रैल 2025 में कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले के बाद, दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. अमेरिका की मध्यस्थता से मई 2025 में एक बार फिर सीजफायर पर सहमति बनी है. हालांकि, कुछ ही घंटों में पाकिस्तान की तरफ से उल्लंघन की खबरें सामने आईं, जिससे एक बार फिर से समझौते पर कड़े सवाल उठाए गए.

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