पाकिस्तान पर भारी पड़ा हिंदुस्तान! चीन का कट्टर दुश्मन इस बात से क्यों खुश?

India Pakistan War: भारत-पाकिस्तान युद्ध में तनाव के बीच पाकिस्तान के चीनी हथियारों की कमजोरियां उजागर हुईं. चीन का HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, JF-17 फाइटर जेट, CH-4 ड्रोन और YLC-8B रडार समेत कई सैन्य उपकरण फेल साबित हुए. भारतीय सेना ने इन सभी को निष्प्रभावी कर दिया. ब्रह्मोस मिसाइल ने HQ-9 को भेदा. इससे ताइवान को भरोसा मिला कि वह भी चीन के कमजोर हथियारों का मुकाबला कर सकता है.  

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : May 13, 2025, 04:58 PM IST
  • पाक ने 81% हथियार चीन से लिए
  • चीन के हथियार कमजोर निकले
पाकिस्तान पर भारी पड़ा हिंदुस्तान! चीन का कट्टर दुश्मन इस बात से क्यों खुश?

India Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच छोटे समय के लिए बेहद तनावपूर्ण स्थिति रही. हालांकि, इस दौरान पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे चीनी हथियारों की पोल-पट्टी खुल गई. पाकिस्तान पर भारत की ओर से हुई कार्रवाई ने चीनी निर्मित हथियारों की कमजोरियों को उजागर किया. इस बात से चीन का कट्टर प्रतिद्वंदी ताइवान बेहद खुश है. ताइवान के सामने चीन के कागजी हथियारों की कलई खुल गई है.

पाक के 81 फीसदी हथियार चीनी
SIPRI (Stockholm International Peace Research Institute)- 2025 की रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान की सेना के पास 81% से अधिक हथियार चीन के हैं. इनमें एयर डिफेंस सिस्टम, फाइटर जेट, ड्रोन, रडार सिस्टम और तोपखाने शामिल हैं. पाकिस्तानी सेना ने इन्हीं हथियारों का भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया, लेकिन इंडियन आर्मी ने चीन के सभी हथियारों को फेल कर दिया. इसके अलावा, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के सामने भी चीन के हथियारों के कारण पाकिस्तान मात खा गया था.

भारत के सामने चीन के ये हथियार फेल हुए
HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम: चीन की इस वायु रक्षा प्रणाली को भारत की मिसाइलों और ड्रोन ने भेद दिया. भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल तो इसे पहले भी भेद चुकी है, जब वह गलती से पाक पर फायर हो गई थी. इस बार इसका रडार सिस्टम काम ही नहीं कर पाया. ये केवल सजावटी हथियार बनकर रह गया.

JF-17 थंडर फाइटर जेट: JF-17 पाकिस्तान और चीन ने मिलकर बनाया था. पाकिस्तान इसे अपनी वायुसेना का सबसे बड़ा स्तंभ मानता है. लेकिन भारतीय राफेल और सुखोई-30 MKI जैसे विमानों ने इसे निष्प्रभावी कर दिया.

CH-4 रेनबो ड्रोन: यह चीनी ड्रोन है, जिसे पाकिस्तान ने निगरानी और हमले के लिए इस्तेमाल किया. लेकिन भारतीय इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों ने इन ड्रोनों के नेविगेशन सिस्टम को जाम कर दिया, जिससे ये बेकार साबित हुए. ड्रोन का एंटी-जैमिंग सिस्टम कमजोर था, भारतीय रडार इन्हें आसानी से ट्रैक कर पा.

चीनी रडार सिस्टम: पाकिस्तान ने चीनी रडार सिस्टम, जैसे- YLC-8B और SLC-7 का इस्तेमाल किया. लेकिन ये भारतीय विमानों और मिसाइलों को ट्रैक करने में नाकाम साबित हुआ. इंडिया की मिसाइलों ने पाक में खूब तबाही मचाई, लेकिन ये रडार किसी काम नहीं आए.

क्यों खुश है चीन का दुश्मन ताइवान?
भारत के हमलों ने यह साबित कर दिया कि चीन की सैन्य तकनीक कुछ खास अच्छी नहीं है. पाक के पास जो-जो चीन के हथियार थे, भारत के सामने वे सभी फेल हुए. इससे ताइवान को कॉन्फिडेंस आया है कि वह भी चीनी हथियारों से निपट सकता है. चीन पहले ही अमेरिका से हार्पून एंटी-शिप मिसाइलें और MQ-9 रीपर ड्रोन जैसे ताकतवर हथियार खरीद चुका है. ये चीन के कबाड़ हो चुके हथियारों पर विजयी पाने में ताइवान की मदद कर सकते हैं.

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