भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को क्यों किया तलब? जानें खालिस्तान पर सारा विवाद

खालिस्तान विरोध को लेकर भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया है. खालिस्तान मामले पर प्रदर्शनों को ये कदम उठाया गया है और स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.

Last Updated : Mar 26, 2023, 04:57 PM IST
  • कनाडा के उच्चायुक्त को भारत ने किया तलब
  • खालिस्तान मामले को लेकर उठाया ये कदम
भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को क्यों किया तलब? जानें खालिस्तान पर सारा विवाद

नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों में भारतीय मिशनों और वाणिज्य दूतावासों के बाहर खालिस्तान को लेकर प्रदर्शनों पर भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया है. उच्चायुक्त को शनिवार को तलब किया गया. भारत ने अपने राजनयिक मिशन के खिलाफ खालिस्तानी समर्थक अतिवादी तत्वों के हालिया कृत्यों के मद्देनजर कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को तलब किया है और इन घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है.

विदेश मंत्रालय ने बयान में क्या कुछ बताया?
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इस सप्ताह कनाडा में हमारे राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावासों पर अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों की कार्रवाइयों के बारे में गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए कनाडा के उच्चायुक्त को कल तलब किया गया था.

इसमें आगे कहा गया, भारत सरकार ने स्पष्टीकरण मांगा है कि ऐसे तत्वों को पुलिस की मौजूदगी में हमारे राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा में सेंध लगाने की अनुमति कैसे दी गई.

ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने को कहा गया
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि कनाडा सरकार को वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों की याद दिलाई गई और ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए कहा गया, जिन्हें पहले से ही इस तरह के कृत्यों में शामिल होना बताया गया है.

मंत्रालय ने कनाडा सरकार को अवगत कराया है, यह उम्मीद की जाती है कि कनाडा सरकार हमारे राजनयिकों की सुरक्षा और हमारे राजनयिक परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगी ताकि वे अपने सामान्य राजनयिक कार्यों को पूरा कर सकें.

कनाडा में एक कार्यक्रम को कर दिया गया था रद्द
पिछले रविवार को खालिस्तान समर्थकों के हिंसक विरोध के बाद सुरक्षा कारणों से कनाडा में एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था. कार्यक्रम कनाडा में भारतीय दूत संजय कुमार वर्मा को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था, जब वे पश्चिमी तट की अपनी पहली यात्रा पर थे.

एक भारतीय मूल के पत्रकार, जो विरोध को कवर करने के लिए कार्यक्रम में थे, पर भी कथित तौर पर कट्टरपंथियों द्वारा हमला किया गया. पंजाब में कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई के खिलाफ कनाडा में विरोध हुआ.

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