Chinese PL-15E missile shot down: सोमवार को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान, एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई खुलासे किए गए. सेना ने बताया कि पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल दागने की नापाक कोशिश की. जिसमें पाक द्वारा चीन निर्मित मिसाइल PL-15E भी दागी गई. जिसे भारतीय सेना ने हवा में ही मार गिराया गया. ऐसे में आइए जानते हैं PL-15E मिसाइल में ऐसा क्या है? जिसको लेकर पाकिस्तान ने खूब हौवा बनाया, लेकिन जैसे ही जंग के मैदान में भारतीय सेना से मुकाबला हुआ, तो दुनिया भर में उसकी पोल खुल गई.
पंजाब में मिला PL-15E का मलबा
बौखलाए पाकिस्तान को जब कुछ नहीं सुझा तो उसने पीएल-15E मिसाइल दागी, लेकिन भारतीय सेना ने उसका ऐसा हश्र किया कि चीन तक से अपनी भद्द पिटवाएगा. बता दें, तनाव के बीच पाकिस्तान ने अपने JF-10 लड़ाकू विमान से पीएल-15E मिसाइल दागी, जिससे भारत को रत्ती भर भी नुकसान नहीं पहुंचा. उल्टा इसका मलबा कई इलाकों में मिला है. वहीं, पंजाब के होशियरपुर में यह सही सलामत पाई गई. जिसका मतलब है पीएल-15ई फायर तो की गई, लेकिन डेटोनेट(ब्लास्ट) ही नहीं हो सकी.
गौरतलब है कि चीन-पाकिस्तान ने इसे दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल बताया था. चीन इसे बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल कहता है, लेकिन भारत के आयरन डोम जैसे एयर डिफेंस सिस्टम के सामने बौनी साबित हुई. वहीं, चीन इसे खाड़ी देशों में बेचने की कोशिश में जुटा हुआ था. मिस्र जैस देशों ने इसमें रूचि भी दिखाई थी. लेकिन हकीकत सामने आने के बाद डील की तस्वीर बदल सकती है.
पीएल-15 एक रडार गाइडेड मिलाइल
चीन ने जब पाकिस्तान को ये मिसाइल सौंपी तो इसे रडार गाइडेड मिसाइल बताया. यानी अचूक निशाने वाली मिसाइल. इसकी अधिकतम मारक क्षमता 200 किमी बताई जाती है. जिसे दुनियाभर के लड़ाकू विमानों के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मिसाइल इनर्शियल, सैटेलाइट नेविगेशन, डेटा लिंक, और एक्टिव रडार से लैस है, जिसे लुओयांग स्थित चाइना एयरबोर्न मिसाइल एकेडमी (CAMA) द्वारा बनाया गया है.
डेटा लिंक को आसान भाषा में समझें, तो यह मिसाइल दागी जाती है, तो यह रियल टाइम में पायलट को डेटा पहुंचाती है. जिससे यह सुनिश्चित होता है कि टारगेट हिट हुआ या नहीं. वहीं, इसकी टेस्टिंग 2011 में की गई थी, और इसे 2015 में चीन की सेना में शामिल किया गया. इसे चीन के चेंगदू J-10C, शेनयांग J-16 और चेंगदू J-20 जैसे फाइटर जेट में भी लगाया गया है.
वहीं, पाकिस्तान को दी गई इस मिसाइल को पहली बार साल 2021 झुहाई एयरशो में प्रदर्शित किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, निर्यात संस्करण की मारक क्षमता 145 किमी है. वहीं, इसमें ट्विन-पल्स सॉलिड फ्यूल रॉकेट मोटर लगे हुए हैं. जिसकी मदद से इस मिसाइल को मैक 5 से भी अधिक स्पीड प्राप्त होती है. साथ ही, मिसाइल की लंबाई 4 मीटर है और इसकी चौड़ाई 200 मिलीमीटर है. बता दें, पाकिस्तान के पास 36 की संख्या में J-10C फाइटर जेट हैं. जिनमें से 20 ऑपरेशनल हैं. यह सभी फाइटर जेट पीएल-15ई मिसाइल से लैस हैं.
भारतीय सेना ने खोली पोल
सोमवार को भारतीय सेना द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएल-15ई मिसाइल का भी जिक्र हुआ. सेना ने बताया है कि हमने चीन द्वारा निर्मित पीएल-15ई मिसाइल को मार गिराया. जिसका मलबा कई इलाकों में मिला है. जिसको लेकर आगे की जांच जारी है. एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएल-15ई मिसाइल का जंग के मैदान में पहली बार इस्तेमाल किया गया. और अपने पहले ही मुकाबले में फुस्स साबित हुई.
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