Indus Water Treaty: वर्ल्ड बैंक ने दिया पाकिस्तान को झटका, भारत से तनाव के बीच आया अजय बंगा का बयान

World Bank chief Ajay Banga: विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने स्पष्ट किया है कि संस्था की द्विपक्षीय मुद्दे में मध्यस्थ के अलावा कोई भूमिका नहीं है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : May 9, 2025, 04:39 PM IST
Indus Water Treaty: वर्ल्ड बैंक ने दिया पाकिस्तान को झटका, भारत से तनाव के बीच आया अजय बंगा का बयान

World Bank News: पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए विश्व बैंक ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि अंतरराष्ट्रीय बैंक हस्तक्षेप कर सकता है और भारत को सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के अपने फैसले को वापस लेने के लिए मजबूर कर सकता है.

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने स्पष्ट किया है कि संस्था की द्विपक्षीय मुद्दे में मध्यस्थ के अलावा कोई भूमिका नहीं है.

भारत के प्रेस सूचना ब्यूरो ने बंगा के हवाले से कहा, 'मीडिया में इस बारे में बहुत अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक किस तरह हस्तक्षेप करेगा और समस्या का समाधान करेगा, लेकिन यह सब बकवास है. विश्व बैंक की भूमिका केवल मध्यस्थ की है.'

इस्लामाबाद ने पिछले महीने के आखिर में घोषणा की थी कि वह 'एकतरफा और अवैध' फैसले को रद्द करवाने के लिए विश्व बैंक से संपर्क करेगा.

भारत ने जम्मू-कश्मीर में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद 1960 की संधि को स्थगित कर दिया था. पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. भारतीय अधिकारियों ने आतंकवादी कृत्य में पाकिस्तानी नागरिकों की संलिप्तता की पुष्टि की है.

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने गुरुवार (8 मई) को मीडिया को बताया कि पाकिस्तान द्वारा वर्षों से बाधाएं पैदा करने के कारण भारत को संधि को निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

मिसरी ने कहा, 'हमने उन्हें कई पत्र भेजे, जिसमें इस संधि में संशोधन पर चर्चा करने के लिए बातचीत का अनुरोध किया गया. भारत ने छह दशकों से अधिक समय तक इस संधि का सम्मान किया है.'

उन्होंने ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'पाकिस्तान ही इस संधि का उल्लंघन कर रहा है. पाकिस्तान ही संधि का उल्लंघन कर रहा है, जानबूझकर भारत के पश्चिमी नदियों पर अपने वैध अधिकारों का प्रयोग करने में बाधा उत्पन्न कर रहा है.'

कश्मीर हमले के बाद भारत सरकार द्वारा लिए गए कई निर्णयों में संधि को निलंबित करना भी शामिल था. भारत ने अटारी-वाघा सीमा को भी बंद कर दिया.

विश्व बैंक बीच में क्यों?
सिंधु जल संधि (IWT) 19 सितंबर, 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक द्वारा किया गया एक समझौता है. तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान द्वारा कराची में हस्ताक्षरित, यह सिंधु और इसकी सहायक नदियों- रावी, ब्यास, सतलुज, झेलम, चिनाब और काबुल के जल के वितरण को निर्धारित करता है.

IWT के अनुसार, भारत को तीन पूर्वी नदियों - रावी, ब्यास और सतलुज तक अप्रतिबंधित पहुंच प्राप्त है, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, चिनाब, झेलम की पश्चिमी नदियों तक पहुंच है.

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