Iran Nazer app: ईरान महिलाओं पर अपने कठोर और अनिवार्य हिजाब कानून को लागू करने के लिए हवाई ड्रोन, चेहरे की पहचान करने वाले सिस्टम और स्पेशल रिपोर्टिंग ऐप का उपयोग कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया.
रिपोर्ट में अनिवार्य ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाली महिलाओं की निगरानी और उन्हें दंडित करने के लिए ईरान की बढ़ती निर्भरता को प्रौद्योगिकी पर नोट किया गया है.
कार्रवाई कैसे होगी और उन महिलाओं को कैसे पकड़ा जाएगा जो कानून का पालन नहीं करती? तो इसके लिए एक प्रमुख ऐप 'Nazer' मोबाइल एप्लिकेशन लाया गया है, जो एक सरकारी समर्थित प्रोडक्ट है जो नागरिकों और पुलिस को उल्लंघनों के लिए महिलाओं को तलाशने में मदद करेगा.
रिपोर्ट उन जांचकर्ताओं द्वारा प्रकाशित की गई है जो मध्य पूर्वी राष्ट्र में दो साल से फैक्ट खोजने के लिए मिशन में शामिल थे. रिपोर्ट में, संयुक्त राष्ट्र ने ईरान पर मानवाधिकारों के व्यवस्थित उल्लंघन और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया. रिपोर्ट में अधिकारियों पर विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाने के लिए आरोप लगाया गया.
Nazer ऐप क्या करता है?
रिपोर्ट के अनुसार, 'Nazer' मोबाइल एप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं को उस वाहन की लाइसेंस प्लेट, स्थान और समय अपलोड करने में सक्षम बनाता है, जहां कोई महिला हिजाब नहीं पहन रही है. यानी अगर आप किसी महिलाओं को हिजाब पहने नहीं देखते हैं तो आप उसकी जानकारी ऐप पर नोट करा सकते हैं. इसके बाद ऐप पुलिस को सचेत करते हुए वाहन को ऑनलाइन 'फ्लैग' करता है.
कार में भी नहीं उतरना चाहिए हिजाब
यूएन रिपोर्ट में कहा गया है कि एप्लिकेशन वाहन के पंजीकृत मालिक को (वास्तविक समय में) एक टेक्स्ट संदेश भी भेजता है, जिसमें उन्हें चेतावनी दी जाती है कि वे अनिवार्य हिजाब कानूनों का उल्लंघन करते पाए गए हैं और इन चेतावनियों को अनदेखा करने के लिए उनके वाहन जब्त कर लिए जाएंगे.'
यह एप्लिकेशन ईरान की पुलिस के लिए सहायक है और सितंबर 2024 में इसके संचालन का विस्तार किया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐप का इस्तेमाल अक्सर एम्बुलेंस, टैक्सियों और सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं को पकड़ने के लिए किया जाता है.
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने सार्वजनिक स्थानों की निगरानी करने और 'सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब के अनुपालन की निगरानी करने के लिए' राजधानी तेहरान और दक्षिणी ईरान में 'हवाई ड्रोन' भी तैनात किए हैं.
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने ये भी याद दिलाया कि 2022 में कैसे ईरान के अनिवार्य हिजाब कानून और उस वर्ष सितंबर में पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोग मारे गए थे. ईरानी अधिकारियों ने अभी तक रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
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