नई दिल्लीः भारत जैसे प्रजातांत्रिक देश में रहने वाले लोगों को धार्मिक व्यवस्था वाले देशों के दकियानूसी कानूनों के बारे में जानकारी नहीं होती. उन्हें भारत में प्राप्त अभिव्यक्ति की आजादी की स्वतंत्रता होती है. लेकिन भारतीय मूल के हरीश को ये नहीं मालूम था कि मध्य पूर्व के कट्टरपंथी देशों में अभिव्यक्ति की आजादी आपके गले की फांस बन सकती है.
क्या जुर्म कर डाला हरीश ने
हरीश बंगेरा ने जो जुर्म किया है सऊदी अरब में वो वहां नाकाबिले माफ़ी होती है. मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हरीश ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि काबा और मक्का में राम मंदिर बनेगा. हिन्दुस्तानी अंदाज़ में हरीश ने एक गलती और कर दी और सऊदी के क्राउन किंग मोहम्मद बिन सलमान की भी थोड़ी सी आलोचना कर दी अपनी पोस्ट में. इससे बड़ा अपराध वहां दूसरा क्या हो सकता है..
यहां अयोध्या में मस्जिद बन सकती है, वहां मंदिर की पोस्ट भी बर्दाश्त नहीं
भारत की तारीफ़ दुनिया को करनी चाहिए. इस देश में राम जन्म भूमि के शहर अयोध्या में बाकायदा सरकार ज़मीन दे कर मस्जिद बनवाना चाहती है और वहीं सऊदी अरब में मंदिर को लेकर लिखी एक पोस्ट भी अक्षम्य अपराध है. हरीश ने फेसबुक में लिखा और फंसे मुसीबत में दम्मम में. दम्मम सऊदी अरब का वह शहर है जहां हरीश नौकरी कर रहे थे.
दम्मम पुलिस की तुरंत किया गिरफ्तार
हरीश की पोस्ट लिखने के लिखे जाने के घंटे भर के भीतर पुलिस ने उनकी पोस्ट को ईशनिंदा करार दे कर उनको गिरफ्तार कर लिया. पता नहीं हरीश को सऊदी अरब के क़ानून के बारे में जानकारी थी या नहीं. इस देश में सरकार के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करना भारी अपराध होता है और उस पर भरी कार्रवाई भी होती है.
कौन हैं ये सज्जन हरीश बंगेरा
हरीश बंगेरा भारत से सऊदी अरब नौकरी के लिए गए थे और वहां दम्मम शहर की एक एयर कंडीशनर कंपनी में काम कर रहे थे. उनसे यह भूल क्रिसमस से चार दिन पहले याने 21 दिसंबर को हुई. काबा चूंकि दुनिया में मुसलामानों का इकलौता तीर्थ स्थान है इसलिए उसकी आलोचना का एक शब्द भी जानलेवा हो सकता है किसी के लिए भी. बंगेरा के साथ भी यही हुआ है.
पोस्ट की पहले आलोचना हुई फिर शिकायत और कार्रवाई
हरीश ने ज्यों ही फेसबुक में पोस्ट डाली, हज़ारों लोगों ने उनकी निंदा शुरू कर दी और फिर तुरंत ही किसी ने उनकी शिकायत भी कर दी. देखते ही देखते पुलिस उनके घर पहुंची और फिर वे जेल पहुँच गए. और तो और गिरफ्तारी के बाद बंगेरा को उनकी कम्पनी ने भी नौकरी से निकाल दिया.
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