Israel Hamas Ceasefire doha talks: इजरायल-हमास के बीच पिछले 3 साल से जंग जारी है. इजरायल ने मार्च 2025 से गाजा में अपने हमले तेज कर दिए. इजरायल का साफ शब्दों में कहना है, गाजा में स्ट्राइक हमास के खात्मे तक जारी रहेगी. हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक एक बड़ा संकेत सामने आया है. जिसके तहत दोनों के बीच जारी जंग पूरी तरह रुक सकता है. जिसको लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान भी दिया है. जिसमें हमास के समक्ष कई शर्तें रखी गई हैं. वहीं, दोनों के बीच दोहा में बातचीत जारी है.
नेतन्याहू की ओर से क्या कहा गया?
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक अहम बयान देते हुए संकेत दिया कि इजरायल हमास के साथ एक समझौते के लिए तैयार हो सकता है, जो ‘लड़ाई खत्म करने’ से जुड़ा हो. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह तभी संभव होगा जब कुछ अहम शर्तें पूरी की जाएं.
नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, ‘इस समय दोहा में हमारी वार्ता टीम हर संभव विकल्प तलाश रही है, चाहे वह विटकॉफ फ्रेमवर्क के मुताबिक हो या युद्ध खत्म करने की योजना के तहत हो. इसमें सभी बंधकों की रिहाई, हमास आतंकियों का निर्वासन और गाजा का निरस्त्रीकरण शामिल है.’
शांति की शर्तें क्या होंगी?
जंग रोकने को लेकर इजरायल की शर्तें साफ हैं. सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई, हमास के आतंकियों का देश से निकालने और गाजा पट्टी में मौजूद हथियारों का नष्ट किया जाना. नेतन्याहू ने दोहराया कि बिना निरस्त्रीकरण के कोई स्थायी समाधान संभव नहीं है. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब गाजा में मानवीय संकट चरम पर है. हाल ही में गाजा में की गई स्ट्राइक में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
अब तक क्या बातचीत हुई?
दी फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, दोहा में चल रही वार्ता इजरायल और हमास के प्रतिनिधियों के बीच अप्रत्यक्ष तौर पर हो रही है, जिसमें मध्यस्थों की भूमिका अहम है. हालांकि, अब तक की बातचीत में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है, लेकिन दोनों पक्ष संभावनाओं को तलाश रहे हैं.
इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘बातचीत में अब तक कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई है, लेकिन कोशिशें जारी हैं.’
अंतरराष्ट्रीय दबाव है असली वजह
लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय समुदाय इजरायल पर दबाव बना रहे हैं. ऐसे में नेतन्याहू का यह बयान अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच आया है. अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ लगातार संघर्ष खत्म करने की अपील कर रहे हैं. गाजा में आम लोगों की हालत बेहद खराब हो चुकी है और अस्पतालों, स्कूलों पर हमलों को लेकर इजरायल को कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है.
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ‘पॉलिटिकल ओपनिंग’ इजरायल की छवि सुधारने और वैश्विक आलोचना से निपटने की कोशिश भी हो सकती है. साथ ही, यह संकेत भी है कि इजरायल अब लंबे युद्ध से निकलने का रास्ता खोज रहा है.
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