नई दिल्ली: इजराइली सेना (IDF) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जमीर ने हाल ही में सरकार के सामने एक गंभीर मुद्दे को लेकर चेतावनी जाहिर की है. उन्होंने कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कारणों की ओर ध्यान खींचा है, जिनके कारण इजरायल अपने लक्ष्य में कामयाब नहीं हो पा रहा. दरअसल, जमीर के सामने अपनी चिंता जताते हुए कहा कि देश सैनिकों की भारी कमी से जूझ रहा है, इतना ही नहीं साफ रणनीति न होने की वजह से भी गाजा में चल रहे सैन्य अभियान में इजरायल को उसका मनचाहा लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा है.
सैनिकों की कमी के कारण हो रही मुश्किल
IDF प्रमुख एयाल जमीर ने कहा कि लड़ाकू सैनिकों की सीमित मौजूदगी होने के कारण सेना, सैन्य अभियानों में अपनी पूरी ताकत नहीं लगा पा रही है. इस चिंता को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी पुष्टि करते हुए कहा है कि एयाल जमीर ने ऐसा कुछ नहीं कहा जिसमें कुछ गलत हो, बल्कि जमीर ने परिस्थितियां देखते हुए इजरायल सरकार को अपनी कुछ कल्पनाओं को छोड़ने की सलाह दी है.
इजरायल के समक्ष गंभीर स्थिति
अब जमीर की इस चेतावनी ने एक बात तो साफ कर दी है कि फिलहाल जो स्थिति इजरायल के सामने है, उसके आधार पर तो वह अपनी मूल योजना के साथ आगे नहीं बढ़ सकता. सैनिकों की कमी के कारण अब सेना को अपने कुछ सैन्य अभियानों का स्तर भी कम करना पड़ा है, इसमें मिनी ओरानीम नाम का अभियान भी शामिल है.
हमास पर दबाव बनाने की तैयारी
इस अभियान को IDF ने गाजा में चलाया है, जिसका उद्देश्य गाजा सीमा के करीब एक बफर जोन तैयार करना है. इसके जरिए वह हमास पर दबाव बनाकर की रिहाई या कोई अन्य बेहतर समझौता करना चाहते हैं. दूसरी ओर जमीर का कहना है कि गाजा पर फिर से पूरा नियंत्रण हासिल करने में इजरायल को कई महीने और शायद कई साल भी लग सकते हैं. इसके लिए हजारों सैनिकों की जरूरत पड़ने वाली है.
ज्यादा जानकारी नहीं की साझा
जमीर ने यह भी बताया कि सेना पहले कार्रवाई और फिर बयान जारी करने की रणनीति अपना रही है, ताकि किसी भी तरह की चूक से हमास को इजरायल की प्लानिंग को लेकर कोई भनक भी न लग पाए. IDF के अनुसार, गाजा में फिर से सैन्य अभियानों को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन सुरक्षा कारणों से ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती.
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