Barak 8 Missile System Power: ईरान और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है, जिसमें अमेरिका भी कूद चुका है. इस जंग में पहली बार एक इंडियन एयर डिफेंस सिस्टम की एंट्री हुई है, जिसका नाम बराक 8 मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली है. जरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री (IAI) और भारत की DRDO ने मिलकर इसे विकसित किया था. इस मिसाइल सिस्टम ने ईरानी ड्रोन को धूल चटाई. इस पर इजरायल ने कहा कि पहली बार बराक-8 सिस्टम का इस्तेमाल हुआ, इसने इजरायली सीमा में घुस चुके UAV को टारगेट किया था.
भारत-पाक संघर्ष में भी दिखा चुका धाक
इजरायल और ईरान के युद्ध में भले पहली बार इसका इस्तेमाल हुआ, लेकिन भारत-पाक संघर्ष में ही इसका डेब्यू हो गया था. पाकिस्तान की तरफ से आने वाली मिसाइल और अन्य हवाई खतरों से निपटने में बराक-8 सिस्टम की भी अहम भूमिका रही. पाकिस्तान की ओर से दागी गई फतह रॉकेट को इसी सिस्टम ने एंगेज किया था.
इन नामों से भी जाना जाता है ये सिस्टम
भारत और इजरायल द्वारा साझा रूप से विकसित किया गया बराक-8 सिस्टम, लॉन्ग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (LRSAM), मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) और बराक MX के तौर पर भी पहचाना जाता है. थलसेना इसे 'अभ्रा', वायुसेना इसे 'MRSAM' और नौसेना इसे 'LRSAM' या 'बराक 8' कहती है.
इसकी किन खूबियों का लोहा मानती है दुनिया?
- बराक-8 डिफेंस सिस्टम डेडिकेटेड रडार के दम पर खड़ ही अकेले फायरिंग यूनिट की तरह संचालित हो सकता है.
- बराक-8 की रेंज 70 किलोमीटर के आसपास है. लेकिन माना जाता है कि यह 110 किमी दूर के खतरों को भी साफ कर देता है.
- बराक-9 सिस्टम एक समय पर दुश्मन के 16 टारगेट्स पर 24 मिसाइलें दाग सकता है.
- इस सिस्टम की सुपरसोनिक मिसाइल में दुश्मन के हवाई खतरे ट्रैक कर नष्ट करने वाला सीकर लगा है.
- बराक-8 सिस्टम में एक बैटरी में तीन लॉन्चर हैं और हर लॉन्चर में 8 ट्यूब हैं.