फ्लावर नहीं, फायर है जापान! चीन ने दी एटम बम की धमकी, तो चित्त करने लिए चली 'ढाई चाल'

Japan Strategy To Counter China: ताइवान से चल रहे विवाद के कारण चीन के संबंध जापान से भी खराब होते जा रहे हैं. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने तो जापान को परमाणु हमले की धमकी तक दे दी थी. लेकिन अब जापान भी अपनी ताकत दिखाने की पूरी तैयारी कर चुका है. जापान ने चीन को घेरने के लिए लंबी रणनीति तैयार कर ली है. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Mar 10, 2025, 02:07 PM IST
  • चीन ताइवान मुद्दे पर जापान से खफा
  • परमाणु अटैक की धमकी तक दी
फ्लावर नहीं, फायर है जापान! चीन ने दी एटम बम की धमकी, तो चित्त करने लिए चली 'ढाई चाल'

Japan Strategy To Counter China: चीन और ताइवान के बीच चल रहे विवाद में अब जापान की एंट्री भी हो चुकी है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को जापान को जमकर घेरा था. उन्होंने जापान को 'हिरोशिमा-नागासाकी' से बड़ा जख्म देने की धमकी भी दे डाली थी. चीन ने इशारों-इशारों में जापान को एटम बम की धमकी दे दी थी. अब जापान ने भी चीन को घेरने के लिए ढाई चाल चली है. शतरंज में घोड़े की चाल को 'ढाई चाल' कहा जाता है, जो सीधे नहीं बल्कि दाएं-बाएं से अटैक करता है. कुछ-कुछ ऐसी ही रणनीति जापान ने भी चीन के खिलाफ बनाई है.

चीन ने जापान को धमकी क्यों दी थी?
चीन बार-बार ये कहता रहा है कि ताइवान के साथ चल रहे उसके संघर्ष में जापान जबरन कूद रहा है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी का दावा है कि जापान की ताकत पर ताइवान के लोग दम भर रहे हैं. जापान पर ताइवान के अलगाववादियों से सांठगांठ करने का आरोप भी लग चुका है. चीन चाहता है कि जापान इस मामले से दूर रहे, इसी कारण  विदेश मंत्री वांग यी ने 'हिरोशिमा-नागासाकी' का उदाहरण देते हुए जापान को धमकाने की कोशिश की.

जापान ने फिलीपींस से मिलाया हाथ 
चीन की जापान को डराने की चाल उल्टी पड़ गई. जापान ने अब चीन को घेरने का प्लान बना लिया है. दक्षिण और पूर्वी चीन सागर पर जापान अपनी मजबूती उपस्थिति दर्ज कराने वाला है. इसके लिए जापान ने फिलीपींस से हाथ मिलाया है. इंडो-पैसिफिक डिफेंस फोरम की रिपोर्ट के अनुसार, जापान और फिलीपींस ने इंडो-पैसिफिक में चीन की के बढ़ते रूतबे को देखते हुए अपने रक्षा संबंध मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की है.

सैन्य सहयोग बढ़ाने की रूपरेखा तैयार
फिलीपींस की राजधानी मनीला में हुई एक बैठक में जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकाटानी और फिलीपीन के रक्षा सचिव गिल्बर्टो टेओदोरो शामिल हुए. इन्होंने दक्षिण चीन और पूर्वी चीन सागर में ड्रैगन की कार्रवाइयों पर चिंताओं व्यक्त की. साथ ही सैन्य सहयोग बढ़ाने की योजनाओं की रूपरेखा भी  तैयार की. जापान और फिलीपींस दोनों ही USA के संधि सहयोगी हैं. बीते साल ही फिलीपींस और अमेरिका ने सैन्य खुफिया जानकारी और तकनीक का आदान-प्रदान करने और संयुक्त युद्ध अभ्यास करने के लिए एक समझौता किया.

चीन की कमर तोड़ने का मौका
दक्षिण और पूर्वी चीन सागर ड्रैगन के लिए बेहद अहम है. दक्षिण चीन सागर दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार मार्गों में से एक है. यहां से हर साल अरबों डोलकर का माल जाता है. इसी के कारण चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. यहां पर तेल और प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार होने की उम्मीद भी जताई जाती है. जबकि पूर्वी चीन सागर में भी समुद्री संसाधन और ऊर्जा भंडार होने की संभावना है. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि दक्षिण और पूर्वी चीन सागर चीन के लिए आर्थिक समृद्धि, राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय प्रभुत्व का आधार हैं. यदि जापान और फिलीपींस यहां पर चीन का दबदबा कम करते हैं, तो उसकी कमर ही टूट जाएगी.

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