बेटे ने पिता के शव को 2 साल तक अलमारी में छिपाए रखा, वजह सुन हो जाएगा दिमाग खराब

Japan man hides father's dead body: टोक्यो के एक रेस्तरां मालिक ने अपने पिता के शव को महंगे अंतिम संस्कार के खर्च से बचने के लिए दो साल तक अलमारी में छिपाकर रखा. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और संभावित पेंशन गबन की जांच कर रही है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Apr 27, 2025, 01:33 PM IST
बेटे ने पिता के शव को 2 साल तक अलमारी में छिपाए रखा, वजह सुन हो जाएगा दिमाग खराब

Japan News: जापानी पुलिस ने पाया है कि 56 वर्षीय रेस्तरां मालिक नोबुहिको सुजुकी ने अपने पिता के शव को दो साल तक अलमारी में छिपाकर रखा. ऐसा करने के पीछे कारण जो बताया गया वह बेहद हैरान करने वाला है. बताया गया कि शख्स पिता के अंतिम संस्कार का खर्च उठाने को तैयार नहीं था. SCMP की रिपोर्ट के अनुसार, सुजुकी ने जनवरी 2023 में अपने 86 वर्षीय पिता के निधन के बाद शव को छिपा दिया था.

फूजी न्यूज नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार, सुजुकी ने टोक्यो में अपना चीनी रेस्तरां एक हफ्ते तक नहीं खोला था, जिससे पड़ोसियों में चिंता पैदा हो गई, जिन्होंने बाद में पुलिस से संपर्क किया. पुलिस अधिकारी सुजुकी के घर उसकी जांच करने पहुंचे. जहां उन्होंने अलमारी के अंदर छिपाए गए उसके पिता के कंकाल को बाहर निकाला.

सुजुकी ने अपनी वित्तीय परेशानी को समझाते हुए इस बात को छिपाने की बात स्वीकार की. उन्होंने कहा, 'अंतिम संस्कार बहुत महंगा था.'

हालांकि उनके पिता की मौत कैसे हुई, इसपर भी संदेह है, लेकिन सुजुकी ने दावा किया कि उस दिन घर लौटने पर उन्होंने अपने पिता को मृत पाया.

पुलिस ने कहा कि सुज़ुकी को शुरू में अपराधबोध हुआ, लेकिन बाद में उसने राहत महसूस की, ये सोचकर कि उसके पिता ही उसकी पीड़ा के लिए जिम्मेदार थे. अधिकारियों ने अब सुज़ुकी को गिरफ्तार कर लिया है और पेंशन गबन के आरोपों की जांच कर रहे हैं.

अंतिम संस्कार इतना महंगा?
सैन होल्डिंग्स इंक. के सर्वेक्षण के अनुसार, जापान में अंतिम संस्कार की औसत लागत 1.3 मिलियन येन (8,900 अमेरिकी डॉलर) है, जो कोविड-19 महामारी के बाद से 156,000 येन कम है. 60 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को उम्मीद है कि अंतिम संस्कार का खर्च 1 मिलियन येन से कम होना चाहिए.

वित्तीय कारणों से जानकारी छिपाने का यह पहला मामला नहीं
SCMP की रिपोर्ट के अनुसार, जापान में इसी तरह की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं. 2023 में, एक 56 वर्षीय बेरोजगार व्यक्ति ने अंतिम संस्कार की लागत से बचने के लिए अपनी 72 वर्षीय मां के शव को तीन साल (2019-2022) तक घर पर रखा और उसकी पेंशन लेता रहा, जो कुल 2 मिलियन येन थी. बाद में उन्होंने अदालत में स्वीकार किया कि उनकी पेंशन ही उनका एकमात्र वित्तीय सहारा थी.

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