Unknown man killed LeT terrorist in pakistan: पाकिस्तान और आतंक दोनों का काफी गहरा रिश्ता है. यही वजह रही कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों ध्वस्त कर दिया था. जिसमें करीब 100 से ज्यादा आतंकी मार गिराए गए. ऐसे में खबर है कि पाकिस्तान में आतंकियों के खात्मे का सिलसिला अभी रुका नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हुए 3 बड़े आतंकी हमलों के पीछे रहे लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी रजाउल्लाह निजमानी उर्फ अबू सैफुल्लाह को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी.
पाकिस्तान में मारा गया लश्कर आतंकी
लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकी को रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मटली इलाके में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सैफुल्लाह को पाकिस्तान सरकार की ओर से सुरक्षा मिली हुई थी और वह अपने घर से निकलने के कुछ ही देर बाद एक सड़क क्रॉसिंग पर मार गिराया गया. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक सैफुल्हलाह लंबे समय से पाकिस्तान में सुरक्षित तरीके से रह रहा था.
भारत में इन 3 बड़े हमलों में था शामिल
सैफुल्लाह भारत में लश्कर-ए-तैयबा की कई आतंकी साजिशों का हिस्सा रह चुका था. उसने 2001 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमला करवाया था, जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे. इस मामले में जांच एजेंसी NIA ने 3 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
वहीं, महाराष्ट्र के नागपुर स्थित RSS मख्यालय में साल 2006 में हुए आतंकी हमले की साजिश इसी ने रची थी. आतंकी उस रोज पुलिस के कपड़े पहनकर घुसे थे. हालांकि, पुलिस ने तीनों आतंकियों को हमले से पहले मार गिराया. आतंकियों के पास से AK-56 राइफल, आरडीएक्स और हैंड ग्रैनेड जब्त किए गए थे.
इतना ही नहीं, साल 2005 में बैंगलुरु में हुए आतंकी हमले में भी सैफुल्लाह शामिल था. इस दौरान, भारतीय विज्ञान संस्थान के एक ऑडिटोरियम में चल रहे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी. जिसमें एक प्रोफेसर की मौत भी हो गई थी और कई लोग घायल भी हुए थे. तभी से भारत की सुरक्षा एजेंसियों को लंबे समय से उसकी तलाश थी और वह मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल था.
नेपाल मॉड्यूल का प्रभारी था सैफुल्लाह
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सैफुल्लाह आतंकियों को ट्रेंड करता था. जिसके लिए वह नेपाल मॉड्यूल का प्रभारी बनाया गया था. इसी के तहत वह आतंकी कैडरों की भर्ती करता था और उन्हें फाइनेंशियल मदद पहुंचाता था. इतना ही नहीं भारत-नेपाल सीमा पर लश्कर के आतंकियों को घुसपैठ कराने में मदद करता था.
सैफुल्लाह लश्कर का लॉन्चिंग कमांडर आजम चीमा और याकूब के साथ मिलकर मिशन को अंजाम देता था. जब नेपाल मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ तो वह नेपाल से भागकर पाकिस्तान लौट गया. वहीं से वह आतंकी मिशनों को अंजाम देता था.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद मारा गया सैफुल्लाह
सैफुल्लाह की मौत ऐसे समय हुई है जब भारत ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए लगभग 100 आतंकियों को ढेर किया है. इस ऑपरेशन में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई वैल्यू टारगेट्स को भी खत्म किया गया था.
पाक सरकार की सुरक्षा में भी सुरक्षित नहीं आतंकी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रजाउल्लाह निजमानी को पाकिस्तान सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही थी. बावजूद इसके, वह अज्ञात हमलावरों की गोलियों का शिकार हो गया. यह घटना इस ओर इशारा करती है कि पाकिस्तान में भी अब आतंकी सुरक्षित नहीं रह गए हैं, खासकर वे जो भारत पर हमलों में शामिल रहे हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी जमीन पर मौजूद आतंकियों में डर का माहौल है और भारत द्वारा सर्जिकल टारगेटिंग के दबाव में कई गुट आपसी निपटारे में लग गए हैं.
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान आर्मी की काली करतूत, J&K में नागरिकों को बनाया था निशाना; सेना ने नष्ट किए 42 जिंदा बम
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.