लंदन: वैज्ञानिकों ने एक नया फेस मास्क विकसित किया है जो आपकी सांसों में कोरोना वायरस के आते ही चमकने लगेगा. इसके लिए आपको इस मास्क को अल्ट्रावायलट किरणों में ले जाना पड़ेगा. वायरस का पता लगाने के लिए स्मार्टफोन की एलईडी लाइट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे मास्क को और विकसित करेंगे ताकि वे बिना विशेष रोशनी के अपने आप चमक उठें.
इस मास्क को बनाने के लिए शुतुरमुर्ग की एंटीबॉडी (ostrich antibodies) का उपयोग किया गया है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस नवाचार से वायरस के कम लागत वाले टेस्ट संभव होंगे.
फिल्टर का कमाल
बिना बुने बने मास्क में कोविड को लक्षित करने वाले शुतुरमुर्ग एंटीबॉडी के साथ लेपित एक फिल्टर होता है. यह खोज उस विचार पर आधारित है जिसमें कहा जाता है कि पक्षियों में रोग के लिए मजबूत प्रतिरोधी क्षमता होती है.
एक अंडे से ढेर सारी एंटीबॉडी
इन एंटीबॉडी को शुतुरमुर्ग के अंडों से निकाला गया है. फिर इन्हें कोरोनवायरस के एक निष्क्रिय, गैर-खतरे वाले रूप में इंजेक्ट किया गया था. इस तरह एंटीबॉडी मास्क में आ जाता है. चूंकि शुतुरमुर्ग के अंडों का आकार बड़ा होता है और इसमें तेजी से एंटीबॉडी बनती है इसलिए एक अंडे से ढेर सारी एंटी बॉडी मिल जाती है. जापानी शोधकर्ताओं ने इस गैर-बुने फेस मास्क को बनाया है.
ये भी पढ़ें- बलूचिस्तान में पाकिस्तान ने फिर दिखाई बर्बरता, कैंसर पीड़ित वृद्ध को किया गिरफ्तार
नाक और मुंह के आसपास चमकता है फिल्टर
जांच के लिए फेस मास्क पहनने के बाद, फिल्टर को हटा दिया जाता है और फिर इस पर एक रसायन का छिड़काव किया जाता है. फिर इसे अल्ट्रावायलट में ले जाया जाता है. वायरस से संक्रमित 32 लोगों पर किए गए एक छोटे से अध्ययन से पता चला है कि फिल्टर नाक और मुंह के आसपास चमकता है.
घर पर हो जाएगी जांच
पश्चिमी जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनका नवाचार अगले साल के भीतर घर पर वायरस के कम लागत वाले परीक्षण को सक्षम कर सकता है. विशेष मास्क के लिए अभी तक कोई कीमत नहीं दी गई है. न ही इससे बनाने में आई लागत की जानकारी मिली है.
पशु चिकित्सा के प्रोफेसर और विश्वविद्यालय के अध्यक्ष सुकामोतो ने बताया, "यह पीसीआर परीक्षण कराने की तुलना में प्रारंभिक परीक्षण का एक बहुत तेज़ और प्रत्यक्ष रूप है." शोधकर्ताओं ने कहा, 'मास्क के माउथ फिल्टर पर रखा गया एंटीबॉडी खांसने, छींकने और पानी में कोरोनावायरस को पकड़ लेता है.
सुकामोतो ने पहले स्वाइन फ्लू का पता लगाने में मदद के लिए मास्क बनाए हैं. विशेष फेस मास्क के लिए एक पेटेंट आवेदन दायर किया गया है, और अगले वर्ष के भीतर निरीक्षण किटों का व्यवसायीकरण करने और उन्हें जापान और विदेशों में बेचने की योजना है.
ये भी पढ़ें- 'ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर है बूस्टर डोज, 75% तक मिलेगी सुरक्षा'
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.