लद्दाख सीमा पर सैन्य तनाव, चीन और भारत के सैनिकों की बढ़ी संख्या

उत्तरी सिक्किम और लद्दाख के पास भारत और चीन के सैनिकों की बढ़ी हुई संख्या के साथ तनाव भी बढ़ गया है.  दोनों देशों के सैनिकों के बीच इन इलाकों में कुछ दिनों पहले दो बार हिंसक झड़प हो चुकी है..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 20, 2020, 10:42 AM IST
    • दोनो देशों ने गलवान सीमा पर बढ़ाई सैनिक संख्या
    • गैर-चिन्हित सीमा क्षेत्र है यह
    • साठ साल से गलवान क्षेत्र को लेकर चल रहा है विवाद
    • क्षेत्र में चीनी सैनिकों के तम्बू गाड़े गए हैं
    • भारत की कड़ी नजर बनी हुई है
    • दो हफ्तों में दो बार हुई है सैनिक झड़प
लद्दाख सीमा पर सैन्य तनाव, चीन और भारत के सैनिकों की बढ़ी संख्या

नई दिल्ली.  चीन की यह कोशिश WHO में भारत तथा अन्य सौ से भी अधिक देशों द्वारा उसे घेरे जाने की तैयारी की प्रतिक्रिया हो सकती है. इस माह से भारत WHO में प्रमुख पद पर आसीत् है और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा यूरोपीय यूनियन के साथ मिल कर कोरोना के मामले में चीन की जांच की मांग कर रहा है और जो चीन को नागवार गुजरा है. इस पर कोई प्रतिक्रिया दिये बिना चीन ने लद्दाख और उत्तर सिक्किम की सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा कर आक्रामक रुख का प्रदर्शन किया है. 

 

गैर-चिन्हित सीमा क्षेत्र है यह

उत्तरी सिक्किम और लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच गैर-चिन्हित सीमा क्षेत्र पर स्थित इलाकों में भारत और चीन के बीच बढ़ता तनाव देखा जा रहा है जिसकी प्रतिक्रिया में दोनों ही देशों के सैनिकों की संख्या यहां बढ़ाई जा रही है. विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डेमचक, दौलत बेग ओल्डी, गलवान नदी तथा लद्दाख में पैंगोंग सो झील के पास के संवेदनशील इलाकों में भारत और चीन दोनों ने अपने अपने अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है. ।

साठ साल से गलवान क्षेत्र को लेकर चल रहा है विवाद

चीन ने अपने हर पड़ौसी देश से सीमा विवाद कर रखा है. इसी की मिसाल यहां गलवान क्षेत्र में भी पिछले साठ साल से देखी जा रही है जहां  भारत और चीन के बीच लगातार विवाद बना हुआ है. वर्ष 1962 में इस दोनों पक्षों के बीच टकराव की शुरुआत हुई थी. यहां पर दोनों देशों द्वारा सीमा गश्ती की जाती है.

चीनी सैनिकों के तम्बू गाड़े गए हैं

इस विवादास्पद गलवान सीमा क्षेत्र में बढ़ते तनाव की मूल वजह चीन है. चीन ने गलवान घाटी इलाके में काफी संख्या में तंबू गाड़े हैं जिसके बाद भारत की इस क्षेत्र पर कड़ी नजर बनी हुई है. इसकी प्रतिक्रिया में दोनों ही देशों के अतिरिक्त सैन्य बल यहां तैनात किये गए हैं.

पंद्रह दिन पहले हुई थी झड़प

पैंगोंग सो लेक का ये वही इलाका है जहां दो हफ्ते पहले पांच मई को भारत और चीन के सैकड़ों सैनकों के झड़प हुई थी जिसमें करीब ढाई सौ सैनिकों ने लोहे की छड़ों, डंडों से आपस में लड़ाई की थी जिससे दोनों ही पक्षों के सैनिक घायल हुए थे. इसी तरह एक दूसरी घटना में सिक्किम के नाकू ला दर्रा वाले इलाके में दस दिन पहले नौ मई को फिर से भारत और चीन के डेढ़ सौ के लगभग सैनिक एक दुसरे के सामने आ गए और दस सैनिक घायल भी हुए. हालांकि इस तनाव पर भारत और चीन दोनों तरफ के विदेश मंत्रालय से कोई वक्तव्य जारी नहीं किया गया है.

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