अमेरिका और यूरोप में आई यकृत की रहस्यमय बीमारी, बच्चे हो रहे बीमार

डब्ल्यूएचओ को इस अजीब बीमारी का सबसे पहले इस महीने की शुरुआत में उस समय पता चला था, जब स्कॉटलैंड में 10 बच्चे बीमार पाए गए थे. एक बच्चा जनवरी में बीमार हुआ था और नौ अन्य बच्चे मार्च में बीमार हुए थे. ये सभी बच्चे गंभीर रूप से बीमार पाए गए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 16, 2022, 10:34 AM IST
  • ब्रिटेन ने कम से कम 64 और मामलों की पहचान की है
  • किसी की मौत नहीं हुई, छह बच्चों का यकृत प्रतिरोपण हुआ
अमेरिका और यूरोप में आई यकृत की रहस्यमय बीमारी, बच्चे हो रहे बीमार

न्यूयॉर्क: अमेरिका और यूरोप के कई देशों के बच्चों में यकृत संबंधी गंभीर बीमारी के रहस्यमय मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारी इन मामलों संबंधी अनुसंधान कर रहे हैं और उनका मानना है कि इसका संबंध एक ऐसे वायरस से हो सकता है, जिसके कारण आमतौर पर जुकाम होता है. 

ब्रिटेन में 74 ऐसे मामलों की जांच शुरू
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिटेन कम से कम 74 ऐसे मामलों की जांच कर रहा है जिनमें बच्चों में हेपेटाइटिस या यकृत में सूजन पाई गई है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि स्पेन और आयरलैंड में भी ऐसे ही मामलों की जांच की जा रही है. इस बीच, अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि वे इस प्रकार के नौ मामलों की जांच कर रहे हैं. ये सभी मामले अलबामा में सामने आए हैं, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ये मामले कहीं और भी हैं. 

क्या कहा है डब्ल्यूएचओ ने 
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले एक महीने में मामलों में बढ़ोतरी होने और इससे संबंधित अनुसंधान गतिविधियों में तेजी आने के कारण आगामी दिनों में और मामले समाने आने की आशंका है.’’ इस बीमारी से अमेरिका में पीड़ित पाए गए बच्चों की आयु एक से छह वर्ष है और इनमें से दो बच्चों का यकृत प्रतिरोपण करना पड़ा. यूरोप में भी इसी आयु वर्ग के बच्चे बीमार पाए गए हैं, लेकिन कुछ की उम्र अधिक है. 

इस माह की शुरुआत में पता चली बीमारी
डब्ल्यूएचओ को इस अजीब बीमारी का सबसे पहले इस महीने की शुरुआत में उस समय पता चला था, जब स्कॉटलैंड में 10 बच्चे बीमार पाए गए थे. एक बच्चा जनवरी में बीमार हुआ था और नौ अन्य बच्चे मार्च में बीमार हुए थे. ये सभी बच्चे गंभीर रूप से बीमार पाए गए और हेपेटाइटिस से पीड़ित पाए गए. लीवर पोषक तत्वों को संसाधित करता है, रक्त का शोधन करता है और संक्रमण से लड़ता है. बच्चों में इस बीमारी के कारण पीलिया, दस्त और पेट दर्द जैसे लक्षण दिखाई दिए. हेपेटाइटिस का यदि उपचार नहीं किया जाए, तो इससे जीवन को खतरा हो सकता है. 

किसी की जान नहीं गई है
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि इसके बाद से ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कम से कम 64 और मामलों की पहचान की है. इनमें से किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन छह बच्चों के यकृत प्रतिरोपण की आवश्यकता पड़ी. प्रयोगशाला में की गई जांच के अनुसार, इन बच्चों के बीमार होने का कारण हेपेटाइटिस ए, बी, सी और ई वायरस नहीं पाया गया है, जो आमतौर पर ऐसी बीमारियों का कारण बनते हैं. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि बच्चे बीमार क्यों पड़े, लेकिन उन्होंने कहा कि एडेनोवायरस संक्रमण के मामलों में तेजी पाई गई है. कई एडिनोवायरस के कारण सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण, बुखार एवं गले में खराश की शिकायत होती है, लेकिन इसके कुछ प्रारूप पेट और आंतों में सूजन सहित अन्य समस्याओं को भी पैदा कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि पहले एडेनोवायरस से बच्चों को हेपेटाइटिस की शिकायत होती थी, लेकिन ऐसा अकसर उन बच्चों में देखा गया था, जिनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर थी. 

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