पिछले कुछ महीनों में नेपाल में दोबारा हिंदू राजशाही की बहाली को लेकर मांग तेज हो गई है. जिसको लेकर पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थक कई जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार गिरने का खतरा बढ़ता जा रहा है. जिसको लेकर उनकी सहयोगी दल नेपाली कांग्रेस ने एक बड़ी बैठक बुलाई है. यह बैठक 30 अप्रैल को होगी. बता दें, नेपाल में लंबे समय से ओली सरकार की कार्यशैली का विरोध हो रहा है. वहीं बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि हिंदू राजा ज्ञानेंद्र शाह ही नेपाल के नेतृत्व के लिए बेहतर हैं.
नेपाली कांग्रेस ने बुलाई बैठक
रिपोर्ट के मुताबिक, ओली सरकार की सहयोगी नेपाली कांग्रेस ओली सरकार के कामकाज से काफी नाराज है. दोनों के बीच असहमति बढ़ती जा रही है. जिसको लेकर पार्टी के अंदर ही घमासान मचा हुआ है. पार्टी के नेताओं का मानना है कि वे कम्युनिस्ट विचारधारा वाली सरकार के साथ सत्ता में नहीं रहना चाहते.
इन्हीं मुद्दों को लेकर 30 अप्रैल को एक बड़ी बैठक बुलाई गई है. जिसके चलते नेपाल में ओली सरकार के गिरने की संभावना बढ़ गई है. बता दें, ओली सरकार की नीतियों और कार्यशैली को लेकर नेपाल में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
राजशाही आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस
वर्तमान में, नेपाल में जारी राजशाही आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी मानी जा रही है. जबकि वे सत्ता में खुद ओली सरकार के साथ हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भी कांग्रेस के साथ आने की तैयारी में हैं. बशर्ते कांग्रेस को ओली सरकार को सत्ता से हटाने में मदद करनी होगी.
हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग तेज
नेपाल में हाल ही में हिंदू राष्ट्र बनाने और ओली सरकार को सत्ता से हटाने के लिए भारी प्रदर्शन हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक काठमांडू में ओंकार परिवार ने एक रैली निकाली थी. जिनमें देश के विभिन्न संगठनों ने अपना समर्थन दिया था.
वहीं दूसरी ओर, पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को भी सत्ता देने को लेकर जोर दिया जा रहा है. नेपाल की जनता का मानना है कि पिछली राजशाही में ही नेपाल तरक्की की राह पर था. बता दें 2006 में लोकतंत्र की बहाली के बाद नेपाल में 13 से अधिक बार सत्ता बदल चुकी है.
ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नेपाल में जल्द ही सत्ता परिवर्तन देखने को मिल सकता है.