नई दिल्ली. बड़ा जिगर चाहिए बड़ा कदम उठाने के लिए. श्रीलंका ने भी छप्पन इंच का सीना दिखाया है बुर्के पर बैन लगाने के फैसले के साथ. खुल कर बुर्के के पीछे और छुप कर मदरसों के भीतर आतंक अपने साजिशाना इरादों को दुनिया भर में अंजाम देता आया है. श्रीलंका की संसदीय समिति ने बुर्के पर बैन सबंधी यह प्रस्ताव संसद में पेश कर दिया है.
तत्काल लगाएंगे बुर्के पर प्रतिबंध
बुर्के पर तत्काल प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव का मसविदा श्रीलंका की एक संसदीय समिति ने तैयार किया है और अविलम्ब बुर्के पर तत्काल की मांग के साथ इसे संसद की पटल पर प्रस्तुत भी कर दिया है. अगर ऐसा हो सका तो श्रीलंका का आतंक के खिलाफ यह कदम दुनिया के कई देशों के लिए प्रेरणा का का कार्य करेगा.
धार्मिक राजनीतिक दल भी होंगे प्रतिबंधित
श्रीलंका की इस संसदीय संती ने बुर्के पर तत्काल प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव के साथ ही एक और अहम प्रस्ताव संसद में पेश किया है जिसके अंतर्गत इसी समिति ने जातीय और धार्मिक आधार पर बने राजनीतिक दलों के पंजीकरण को भी निलंबित करने की भी मांग की है.
ईस्टर पर हुए आतंकी हमलों का हवाला दिया
पिछले साल श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर आतंकवादी हमला हुआ था जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इन दोनों प्रस्तावों को संसद में प्रस्तुत करने वाली श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित समिति ने ईस्टर के आतंकी हमलों का हवाला देते हुए ये दोनों मांग की हैं. समिति ने कहा कि पुलिस के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वह सार्वजनिक स्थानों पर किसी व्यक्ति को पहचानने के लिए उसे चेहरा दिखाने के लिये कह सके और बुर्का ऐसा नहीं करने देता.
ये भी पढ़ें. अफगानिस्तान में हिंसा रोकेगा तालिबान-अमरीका संघर्ष विराम