नई दिल्ली. भारत के लिहाज से इस खबर में किसी प्रकार का नकारात्मक अर्थ नहीं है. भारत पहले ही विश्व की सर्वोच्च महाशक्तियों में एक है और अब मेक इन इंडिया के तहत हथियार भी भारत आ कर ही बना रही हैं विदेश कंपनियां. पर अचरज होता है ये जान कर कि अब विश्व का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश मध्य पूर्व का एक खाड़ी देश है, और उसका नाम है सऊदी अरेबिया.
स्वीडन में शोधकर्ताओं ने दी जानकारी
इस खबर से ये भी दीखता है कि दुनिया शान्ति की दिशा में नहीं बढ़ रही. क्योंकि अगर छोटे छोटे देश हथियारों का बड़ा जमावड़ा रखने लगें तो इसका अर्थ है कि विश्व की शान्ति सुरक्षित नहीं है. फिलहाल संघर्षरत देशों में बढ़ती मांग के मद्देनजर दुनियाभर में बड़े हथियारों का निर्यात बढ़ रहा है. हथियारों के आयात-निर्यात पर स्वीडन में शोधकर्ताओं ने बताया कि हथियारों के शीर्ष निर्यातक अमेरिका ने रूस पर अपनी बढ़त में और वृद्धि कर ली है जबकि भारत को बिक्री घटने की वजह से रूस के हथियार निर्यात में 18 फीसद की कमी देखी जा रही है.
अंतर्राष्ट्रीय हथियार निर्यात में वृद्धि
हथियारों के आयात-निर्यात पर शोध के लिए प्रसिद्ध स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2010 से 2014 के चार सालों में 2015 से 2019 के चार सालों के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय हथियार निर्यात में साढ़े पांच प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. जबकि इसी दौरान फ्रांस का हथियार निर्यात बहत्तर प्रतिशत बढ़ा है.
फ्रांस तीसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक
सिपरी की इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट में बताया गया है कि अब फ्रांस जर्मनी से आगे निकलकर विश्व में तीसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश बन गया है. अब कुल वैश्विक निर्यात में फ्रांस की भागेदारी लगभग आठ प्रतिशत की हो गई है. फ्रांस का आधे से अधिक हथियार निर्यात मिस्त्र, कतर और भारत के लिए होता है. भारत के हथियार आयात पर रिपोर्ट कहती है कि इसमें 32 प्रतिशत और पाकिस्तान के हथियार आयात में 39 प्रतिशत की कमी देखी गई है.
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