Opinion: खून की नहीं, रंगों की होली खेलिए... बहुत निभा ली दुश्मनी, अब तो मान जाइए पुतिन-जेलेंस्की!

Opinion on Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच बीते 3 साल से खून की होली खेली जा रही है. आज रंगों के इस पवित्र त्योहार पर हम दोनों देशों से अपील करते हैं कि रक्त से नहीं, गुलाल से होली मनाइए. पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक नई शुरुआत कीजिए. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Mar 14, 2025, 07:01 PM IST
  • तीन साल से चल रहा युद्ध
  • लाखों लोगों की जान जा चुकी
Opinion: खून की नहीं, रंगों की होली खेलिए... बहुत निभा ली दुश्मनी, अब तो मान जाइए पुतिन-जेलेंस्की!

चलो आज हम बरसों पुरानी
अपनी दुश्मनी भुला दें,
कई होलियां सूखी गुजर गईं
इस होली पर आपस में रंग लगा लें।।

मेरे गांव में कई ऐसे घर हैं, जो सालों से दुश्मनी निभा रहे हैं. गमी में एक-दूसरे के यहां शरीक होते हैं, लेकिन खुशी में नहीं. मगर होली इकलौता ऐसा खुशी का मौका है, जब ये जटिल परंपरा तोड़ दी जाती है. दुश्मन का बच्चा भी मिलता है तो होली की 'राम-राम' कहता है. शायद इसी मौके के लिए मुनव्वर राणा साहब ने लिखा है- 'मेरे दुश्मन का बेटा है, मुझे आदाब करता है... बड़े लोगों के बच्चे भी बड़े मालूम होते हैं'. बहरहाल, घर के बड़े गांव के गुवाड़ (मुख चौक) में इक्कठे होते हैं और चंग की थाप पर होली के गीत गाते हैं. अबोला रखने वाले लोग भी इस दिन शत्रुता के नियमों को धता बताकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं. जब गांव के लोगों में इतनी समझ है, तो दो अंतर्राष्ट्रीय नेताओं से ऐसी अपेक्षा क्यों नहीं की जा सकती? 

जेलेंस्की और पुतिन, आप दोनों के हाथों में अपने-अपने देशों की कमान है. जेलेंस्की, आपने अपने लोगों के लिए लड़ाई लड़ी. लेकिन अब शांति की राह पर कदम बढ़ाने का वक्त है. पुतिन, आपकी ताकत से दुनिया वाकिफ है. मगर अब हम आपका स्नेह देखना चाहते हैं. वैसे भी असली ताकत संबंध बनाए रखने में लगती है, न कि खून से सने मैदान में लाशें बिछाने में. इस होली, हथियारों को रंगों से बदलें. एक-दूसरे पर गुलाल उड़ाएं, न कि गोलियां. लाशें नहीं, दुश्मनी की दीवार गिराएं. रूस और यूक्रेन को होली का ये तोहफा दे दीजिए.

यूक्रेन और रूस के लोग अब अपनी बेरंग जिंदगी में रंग भरना चाहते हैं. यूक्रेन की नतालिया जैसी महिलाएं अपने घर को फिर से बसाना चाहती हैं, अपने देश को मानवाधिकारों पर आधारित एक नया रूप देना चाहती हैं. जिस लाल रंग से यूक्रेन की सड़कें पुती पड़ी हैं, वह बच्चों की ड्राइंग बुक में होना था. रूस के आम नागरिक, जो इस जंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे, अपने बच्चों के लिए एक शांतिपूर्ण भविष्य चाहते है.

रूस के झंडे में तीन रंग हैं. सफेद, जो पवित्रता और ईमानदारी का प्रतीक माना जाता है. नीला, जो विश्वास, निष्ठा और सत्य का प्रतीक है. लाल, जो साहस, बलिदान और प्रेम का प्रतीक है. पुतिन, आपकी और आपके देश की पवित्रता पर हमें कोई शक नहीं है. आप पर रूस की जनता विश्वास करती है, साहस तो हम आपका देख ही चुके हैं. अब बस प्रेम बरसा दीजिए, बलिदान दिखा दीजिए.

यूक्रेन के झंडे में दो रंग हैं. नीला रंग आकाश और पानी से जुड़ा हुआ है, जो शांति और स्थिरता का प्रतीक है. पीला,अक्सर गेहूं या सोने के रंग के रूप में देखा जाता है, उपजाऊ खेतों और कृषि समृद्धि का प्रतीक है. जेलेंस्की, आपका देश अब शांति चाहता है, ताकि स्थिरता लौटे. आपके देश की उपजाऊ जमीन पर गेहूं लहलहाती थी, वह अब खून से सनी हुई है. इसे फिर से पुराने दौर में लौटाने का जिम्मा आपका है.

गांव-गली में होने वाली लड़ाई मोहल्ले के बड़े-बुजुर्ग सुलझाते हैं. ट्रंप, आप महाशक्ति हैं. आप चाहें तो ये जंग खत्म हो सकती है. लेकिन याद रखिए, गैर-बराबरी के पायदान पर झगड़ा खत्म नहीं होता, बल्कि दुश्मनी की लकीर और लंबी होती है. आपने मध्यस्थ्ता की जिम्मेदारी उठाई है, तो इसे निष्पक्षता से निभाइए. यूक्रेन कमजोर है, उस पर प्यार लुटाइए, बस लूटिए मत. 

नोट: लेख में कही हुई बात लेखक के निजी विचार हैं.

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