‘हमारा काम टारगेट हिट करना है, लाशें गिनना नहीं…’ ऑपरेशन सिंदूर पर बोले एयर मार्शल भारती

ऑपरेशन सिंदूर के तहत 100 से अधिक आतंकी मारे गए, जिनमें IC-814 हाईजैक और पुलवामा हमले से जुड़े आतंकी भी शामिल थे. सेना प्रमुखों ने बताया कि वायुसेना और नौसेना की भूमिका अहम रही. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 11, 2025, 11:13 PM IST
  • ऑपरेशन सिंदूर में 100+ आतंकी ढेर, कंधार और पुलवामा आरोपी शामिल
  • तीनों सेनाओं की साझी कार्रवाई, पाक में 9 आतंकी अड्डों पर सटीक वार
‘हमारा काम टारगेट हिट करना है, लाशें गिनना नहीं…’ ऑपरेशन सिंदूर पर बोले एयर मार्शल भारती

6-7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए. एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि ऑपरेशन का लक्ष्य सफल रहा और दुश्मन के टारगेट्स पर भारी असर पड़ा. भारतीय सेना के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें कंधार हाईजैक और पुलवामा हमले से जुड़े हाइ वैल्यू टारगेट्स शामिल थे. भारतीय वायुसेना और नौसेना ने इसमें अहम भूमिका निभाई.

एयर मार्शल भारती का बयान
एयर मार्शल एके भारती ने रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन एक सटीक रणनीति के तहत अंजाम दिया गया और दुश्मन के टारगेट्स पर इसका भारी असर पड़ा है. जब उनसे पाकिस्तान सेना की हानि या मृतकों की संख्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा, "हमारा काम टारगेट को हिट करना है, लाशें गिनना नहीं."

उन्होंने हथियारों और ऑपरेशन की तकनीकी डिटेल साझा करने से इनकार कर दिया. भारती ने कहा, "मैंने कभी हथियार या कैलिबर के बारे में कुछ नहीं कहा है. यह ऑपरेशनल डिटेल है, जिसे मैं सार्वजनिक नहीं करना चाहूंगा. हमारा मकसद टारगेट को हिट करना था, किसी की गिनती नहीं."

मारे गए हाई वैल्यू टारगेट्स आतंकी
डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया है. इनमें कंधार हाईजैक केस के मास्टरमाइंड यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ और पुलवामा हमले में शामिल मुदस्सिर अहमद शामिल थे.

घई ने बताया कि यह ऑपरेशन विशेष रूप से उन आतंकियों को सज़ा देने के लिए डिजाइन किया गया था जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे थे, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी. उन्होंने कहा, ‘यह ऑपरेशन हमारे संकल्प की एक ठोस अभिव्यक्ति है कि भारत आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा.’

तीनों सेनाओं ने निभाई अहम भूमिका
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि भारतीय वायुसेना और नौसेना ने इस पूरे ऑपरेशन में बड़ा योगदान दिया. नौ आतंकी ठिकानों पर हमले की प्लानिंग और अंजाम में तीनों सेनाओं की संयुक्त रणनीति थी. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह नागरिकों और जवानों पर हमलों को बिना जवाब के नहीं छोड़ेगा.

घई ने कहा कि पहलगाम में हुए बर्बर हमले और हाल के अन्य आतंकी हमलों ने यह ज़रूरी बना दिया कि भारत अपनी सैन्य क्षमता का जवाबी प्रदर्शन करे. उन्होंने कहा, ‘जिस निर्दयता से 26 लोगों की हत्या की गई, वह एक निर्णायक जवाब की मांग कर रही थी, और ऑपरेशन सिंदूर उसी का परिणाम है.’

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