पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत का बड़ा एक्शन, बूंद-बूंद को तरसेगा ‘आतंक का गढ़’!

Indus Waters Treaty suspended: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा एक्शन लिया है. सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट भी बंद कर दी गई है और पाक सैन्य सलाहकारों को भारत छोड़ने का आदेश मिला है. आशंका जताई जा रही है कि भारत कुछ बड़ा करने की तैयारी में है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 23, 2025, 10:04 PM IST
  • भारत ने सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से किया निलंबित
  • अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट को भी भारत ने किया बंद
  • पाक नागरिकों के सभी SAARC वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत का बड़ा एक्शन, बूंद-बूंद को तरसेगा ‘आतंक का गढ़’!

J&K Pahalgam Terror attack: पहलगाम हमले के बाद दुनिया भर की निगाह भारत पर है. इसके पीछे का कारण आतंकी हमले में पाकिस्तानी कनेक्शन है. रिपोर्ट के मुताबिक, हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तान से जुड़े हुए बताए जा रहे थे. सेना भी पूरी तैयारी में जुट गई है. ऐसे में, भारत ने सबसे पहले पाकिस्तान के जल संधि पर चोट पहुंचाई है. बता दें, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की कि 1960 का सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है. इसके अलावा अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट बंद कर दी गई है, पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है और SAARC वीजा के तहत पाक नागरिकों के सभी वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं. भारत ने यह कदम सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के रूप में उठाया है.

भारत ने रद्द किया सिंधु समझौता
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई निर्णायक कदमों का ऐलान किया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता अब ‘तत्काल प्रभाव’ से निलंबित किया जा रहा है. सरकार का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह त्यागने का स्पष्ट और स्थायी प्रमाण नहीं देता, तब तक यह समझौता प्रभाव में नहीं आएगा.

पाक अधिकारियों को भारत छोड़ने का आदेश
साथ ही, पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात सभी सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्रेटा’ घोषित कर दिया गया है. इसका मतलब है, पाकिस्तान से जुड़े व्यक्तियों को अब उस देश में रहने या काम करने की अनुमति नहीं है और उसे एक तय समय सीमा के भीतर देश छोड़ना होगा.

ऐसे में पाकिस्तानी अधिकारियों को सात दिनों में भारत छोड़ना होगा. भारत ने अपने सैन्य सलाहकारों को भी इस्लामाबाद से वापस बुलाने का फैसला किया है.

क्या है सिंधु जल समझौता?
सिंधु जल समझौता 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था. इसके तहत पश्चिमी नदियां- सिंधु, झेलम और चेनाब पाकिस्तान को मिलीं, जबकि पूर्वी नदियाँ – रावी, ब्यास और सतलुज भारत को आवंटित की गईं. यह समझौता जल बंटवारे को लेकर विश्व में सबसे स्थायी माने गए समझौतों में से एक रहा है.

इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच एक स्थायी इंडस आयोग का गठन हुआ, जो विवादों को शांतिपूर्वक सुलझाने में सक्षम रहा. हालांकि, 2017 से भारत द्वारा किशनगंगा और राटले प्रोजेक्ट्स पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी, लेकिन समझौता बना रहा. इस बार भारत ने पहली बार इसे पूरी तरह निलंबित करने का निर्णय लिया है, जो ऐतिहासिक रूप से एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट भी बंद
भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया है, जिससे भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार और जन-संपर्क पर सीधा असर पड़ेगा. यह कदम साफ दर्शाता है कि भारत अब किसी भी स्तर पर पाकिस्तान से संवाद के पक्ष में नहीं है, खासकर तब जब सीमा पार से आतंकवाद जारी है.

इसके साथ ही SAARC वीजा स्कीम के तहत पाकिस्तानियों को मिले सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं. जिन पाक नागरिकों को पहले यह वीजा मिला था, उन्हें 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है. इससे दोनों देशों के नागरिक स्तर पर संपर्क भी बाधित हो जाएगा.

पहलगाम अटैक में पाकिस्तानी कनेक्शन
कश्मीर के पहलगाम में 21 अप्रैल को हुए आत्मघाती हमले में 27 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी. सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हो गया कि हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन का हाथ है. हमलावरों की पहचान और उनकी कॉल डिटेल्स से मिली जानकारी ने इस कनेक्शन की पुष्टि की है. बता दें, हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली है. जिसे पाकिस्तान से ट्रेनिंग दी जाती है.

भारत सरकार ने इसे एक ‘क्रॉस बॉर्डर टेरर अटैक’ माना है और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा हमला बताया है. इस हमले के बाद भारत में जनाक्रोश फैल गया और सरकार से सख्त कदमों की मांग तेज हो गई थी, जिसके जवाब में ये निर्णायक कार्रवाइयां की गई हैं.

साथ ही विशेषज्ञों का मानना है कि भारत कुछ बड़ा करने की तैयारी में जुट गया है. साथ ही यह भी कहा है कि भारत के पास आतंक को जड़ से खत्म करने का सबसे सही मौका है. अमेरिका और रूस ने भी आतंक को जड़ से खत्म करने की कवायद की है.

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