नई दिल्लीः अपनी हरकतों के कारण पाकिस्तान को बार-बार मुंह की खानी पड़ती है, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है. इस बार पाकिस्तान को फ्रांस के आगे झुकना पड़ा है. मामला फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) के साथ का है. पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी (Shireen Mazari) ने विवादित ट्वीट किया था. जिसे बाद में उन्हें हटाना पड़ा है.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी (Shireen Mazari) ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) को लेकर विवादित ट्वीट किया था. फ्रांस द्वारा मजारी के बयान पर आपत्ति जताने के बाद आखिरकार उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है.
मजारी ने रविवार को कहा कि मैंने जिस लेख का हवाला दिया था, उसमें सुधार कर लिया गया है. साथ ही मैंने अपना ट्वीट भी हटा लिया है, जिस पर आपत्ति जताई गई थी.
फ्रांस सरकार ने जताई नाराजगी
दरअसल फ्रांस सरकार ने पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री के बयान पर नाराजगी व्यक्त की थी. विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद से बयान पर सफाई मांगते हुए इन टिप्पणियों को सुधारने और सम्मान के आधार पर बातचीत के रास्ते पर आगे बढ़ने को कहा था.
फ्रांस के विरोध के सामने झुकते हुए शिरीन मजारी को अपना विवादित ट्वीट अब डिलीट करना पड़ा है.
यह था मामला
पाकिस्तानी कैबिनेट मंत्री शीरीन मजारी ने शनिवार को एक स्टोरी का लिंक शेयर करते हुए लिखा था, 'मैक्रों मुसलमानों के साथ वैसा ही व्यवहार कर रहे हैं जैसा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजियों ने यहूदियों के साथ किया था.’
पाकिस्तानी मंत्री के इस ट्वीट पर फ्रांस ने तुरंत प्रतिक्रिया जताते हुए इसे हटाने की मांग की. फ्रांस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि ये शब्द घृणा से परिपूर्ण, नफरत फैलाने वाले और सरासर झूठे हैं, हिंसा की विचारधारा से जुड़े हैं. विदेश मंत्रालय से जारी बयान में आगे कहा गया कि हम सिरे से इसका विरोध करते हैं और ऐसी बातें इस स्तर पर किसी भी तौर पर स्वीकार्य नहीं है.
विरोध में पाकिस्तान सबसे आगे
पाकिस्तान में फ्रांस के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन हुए हैं. कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने प्रदर्शन के नाम पर इस्लामाबाद में जमकर कोहराम मचाते हुए फ्रांसीसी दूत को देश से बाहर निकालने की मांग हुई थी, जिस पर इमरान खान सरकार सहमत हो गई है. इसके अलावा, फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार का भी सरकार ने समर्थन किया है. फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए जाने को लेकर तमाम मुस्लिम देश उसके खिलाफ हो गए हैं, जिसमें पाकिस्तान और तुर्की सबसे आगे हैं.
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