Pakistan Jaffar Express hijack: पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर तक हर रोज की तरह एक ट्रेन अपनी यात्रा पर निकली थी, लेकिन मंगलवार (11 मार्च) को उस समय यह बुरे सपने में बदल गया, जब हथियारबंद आतंकवादियों ने देश के मश्कफ और धादर इलाकों से गुजर रही जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया.
पाकिस्तान के सुरक्षा बलों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एक मुश्किल अभियान चलाए हुए हैं. जहां कई सुरक्षाकर्मियों की मौत भी हो गई है. वहीं, अब तक 100 से अधिक बंधकों को मुक्त कराया जा चुका है और 16 विद्रोही मारे गए हैं.
बचाव अभियान जारी है. आइए ट्रेन को हाईजैक कर हमले करने वाले बलूच लिबरेशन आर्मी के मजीद ब्रिगेड के बारे में जानते हैं.
जाफर एक्सप्रेस का क्या हुआ?
जाफर एक्सप्रेस मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रही थी. ट्रेन में दर्जनों सुरक्षाकर्मी समेत 400 से ज्यादा यात्री सवार थे. ट्रेन की यात्रा लगभग 30 घंटे की थी और यह देश भर में लगभग 30 स्टेशनों पर रुकती थी. हालांकि, स्थानीय समयानुसार दोपहर 1 बजे (08:00 GMT) जब ट्रेन बोलन दर्रे के धादर इलाके से गुजर रही थी, तो आतंकवादियों ने रेलवे ट्रैक उड़ा दिया. हाईजैक के दौरान कम से कम 10 सुरक्षाकर्मियों को भी मार डाला गया. ऐसे में ट्रेन को रुकना पड़ा. हमलावरों ने दावा किया कि ट्रेन में सवार यात्री अब बंधक हैं. हालांकि बाद में दर्जनों यात्री पनिर पहुंच गए. महिलाओं और बच्चों को छोड़ा गया.
जाफर एक्सप्रेस पर हमले के पीछे कौन?
हाईजैक के तुरंत बाद बलूचिस्तान में सक्रिय एक सशस्त्र समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हमले की जिम्मेदारी ली. बीएलए ने एक बयान में कहा कि उन्होंने ट्रेन से लोगों को बंधक बना लिया है, अगर आर्मी या पुलिस द्वारा कोई अभियान चलाया गया तो बंधकों को मार दिया जाएगा.
बता दें कि बीएलए 2000 के दशक की शुरुआत में बलूचिस्तान के एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना के इरादे से उभरा. उनका दावा है कि पाकिस्तान सरकार ने बलूच के लोगों को आर्थिक और राजनीतिक रूप से दूर कर दिया है. अतीत में, बीएलए ने पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों, सरकारी संरचनाओं और प्रतिष्ठानों पर हमले किए हैं, जिनमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत चीनी-वित्तपोषित प्रोजेक्ट भी शामिल हैं. BLA पाकिस्तान में प्रतिबंधित है और कुछ अन्य देशों में इसे आतंकवादी संगठन माना जाता है.
मजीद ब्रिगेड तैनात
मंगलवार की ट्रेन हाईजैक के लिए बीएलए ने अपने मजीद ब्रिगेड को तैनात किया, जिसे बीएलए के आत्मघाती दस्ते के रूप में भी जाना जाता है. अमेरिकी रक्षा नीति थिंक टैंक, द जेम्सटाउन फाउंडेशन के अनुसार, मजीद ब्रिगेड का नाम दो भाइयों - मजीद लैंगोव सीनियर और मजीद लैंगोव जूनियर के नाम पर रखा गया है. सीनियर की हत्या 1974 में तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की क्वेटा की आधिकारिक यात्रा के दौरान उनकी हत्या करने की कोशिश करते समय हुई थी, जबकि जूनियर की हत्या 2010 में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की छापेमारी के दौरान अपने साथियों को बचाने की कोशिश में की गई थी.
वहीं, दोनों को सम्मान देते हुए BLA ने 2011 में एक आत्मघाती दस्ता बनाने का फैसला किया, जिसे मजीद ब्रिगेड नाम दिया गया. ब्रिगेड ने दिसंबर 2011 में अपना पहला आत्मघाती हमला किया. लक्ष्य एक पूर्व पाकिस्तानी मंत्री का बेटा शफीक मेंगल था. हालांकि, मेंगल इस हमले में बच गया.
इसके बाद यह कई सालों तक यह ब्रिगेड इनएक्टिव रहा, लेकिन अगस्त 2018 में चीनी इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर आत्मघाती हमला करने के बाद इसने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. तब से, इसने कई हमले किए हैं, जिसमें नवंबर 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास, मई 2019 में ग्वादर के पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल और जून 2020 में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर हमले शामिल है.
कितना खतरनाक है मजीद ब्रिगेड?
विशेषज्ञों का कहना है कि मजीद ब्रिगेड के पास अच्छी खासे हथियार हैं और उसके पास उच्च श्रेणी के भी हथियार हैं. इसके पास आत्मघाती जैकेट बनाने के लिए C4 जैसे विस्फोटक भी हैं.
RFEL की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि BLA और इसकी इकाइयों के पास अमेरिकी हथियार और सैन्य उपकरण हैं. जब 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय सेनाएं अफगानिस्तान से बाहर निकलीं, तो वे अरबों डॉलर के सैन्य उपकरण और हथियार छोड़ गए, जिन्हें तालिबान ने सत्ता पर कब्जा करने के बाद जब्त कर लिया. हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि आज की तारीख में मजीद ब्रिगेड में महिलाओं सहित 100 से 150 से ज्यादा सदस्य नहीं हैं.
बताया जाता है कि मजीद ब्रिगेड लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती. 2022 में, मजीद ब्रिगेड ने एक आत्मघाती हमला करने के लिए एक 31 वर्षीय महिला को काम पर लगाया गया. उसने 26 अप्रैल को दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची में कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के सामने तीन चीनी नागरिकों और उनके पाकिस्तानी ड्राइवर को मार डाला. अक्टूबर 2024 में मजीद ब्रिगेड ने एक हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें कराची के जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना होने वाले चीनी इंजीनियरों और निवेशकों की मौत हो गई थी.
ट्रेन अपहरण पर पाकिस्तान की क्या प्रतिक्रिया? अपहरण की खबर आने के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसकी निंदा की. उन्होंने कहा, 'रमजान के शांतिपूर्ण और पवित्र महीने के दौरान आतंकवादियों द्वारा निर्दोष यात्रियों को निशाना बनाना इस बात का स्पष्ट प्रतिबिंब है कि इन आतंकवादियों का इस्लाम धर्म, पाकिस्तान (या) बलूचिस्तान से कोई संबंध नहीं है.'
इस बीच, सुरक्षाकर्मियों ने एक मुश्किल अभियान में 16 आतंकवादियों को मार गिराया और 104 यात्रियों को बचाया. मुठभेड़ अभी भी जारी है. सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि वे तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि सभी यात्रियों को बचा नहीं लिया जाता. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बचाए गए यात्रियों में 58 पुरुष, 31 महिलाएं और 15 बच्चे हैं. इन सभी को एक अन्य ट्रेन से माच (पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कच्छी जिले का एक शहर) भेज दिया गया है.
इस बीच, मजीद ब्रिगेड के अन्य आतंकवादी यात्रियों को पहाड़ों में ले गए हैं. सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, 'आतंकवादियों ने अब अंधेरे में भागने की कोशिश करने के लिए छोटे-छोटे समूह बनाए हैं, लेकिन सुरक्षा बलों ने सुरंग को घेर लिया है और शेष यात्रियों को भी जल्द ही बचा लिया जाएगा.'
इस बीच, पाकिस्तान रेलवे ने पेशावर और क्वेटा रेलवे स्टेशनों पर एक आपातकालीन डेस्क स्थापित किया है. यहां परेशान रिश्तेदार और दोस्त ट्रेन में अपने प्रियजनों के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने भी कहा कि आपातकालीन उपाय लागू किए गए हैं और एक राहत ट्रेन और सुरक्षा बलों की टुकड़ियां भी घटनास्थल पर भेजी गई हैं.
बता दें कि बलूचिस्तान में हाल के दिनों में उग्रवाद में वृद्धि देखी गई है, खासकर जब से ग्वादर बंदरगाह को चीन को पट्टे पर दिया गया है. जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 24 हमले हुए हैं, जिनमें 26 लोगों की जान गई है, जिनमें 11 सुरक्षाकर्मी, छह नागरिक और नौ आतंकवादी शामिल हैं.
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