नई दिल्लीः पाकिस्तान नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने रविवार को कई घंटे बीत जाने के बावजूद सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव में वोट डालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि स्पीकर ने कहा कि चूंकि उनका प्रधानमंत्री के साथ 30 साल का रिश्ता रहा है, इसलिए वह मतदान नहीं होने दे सकते हैं.


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शनिवार को शुरू हुआ सत्र
प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से बचने के लिए पीटीआई सरकार के कई प्रयासों के बीच उनके भाग्य का फैसला करने के लिए नेशनल असेंबली का ऐतिहासिक सत्र शनिवार को शुरू हुआ.


फ्लोर पर आते हुए, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) को 'शीर्ष-गुप्त दस्तावेज' के विवरण के बारे में सूचित किया गया था, तो फोरम ने तुरंत एक सीमांकन (डीमार्च) जारी करने का फैसला किया और दूसरा आदेश इस मामले की जांच के लिए संसद का एक सत्र बुलाने का था.


'हमें अमेरिका ने दिया था ये निर्देश'
उन्होंने कहा, "इससे पहले कि हम (सरकार) चले जाएं, मैं यह आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि संयुक्त राज्य के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को बुलाया और स्पष्ट रूप से हमें रूस दौरे के साथ आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा."


'कौन सा स्वतंत्र देश ऐसे निर्देशों को करेगा स्वीकार'
कुरैशी ने कहा, "दुनिया में किसी भी संप्रभु राष्ट्र को दूसरे देशों से दिशा कहां मिलती है और कौन सा स्वतंत्र देश ऐसे निर्देशों को स्वीकार करता है?" जब कुरैशी यह सवाल पूछ रहे थे, उसी समय सदन का हॉल विपक्षी दलों के नेताओं के विरोध और नारों से गूंज रहा था.


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