India on Pakistan supported Countries: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तनाव के दौरान कई शक्तिशाली देशों ने भारत के प्रति अपना समर्थन दिखाया. लेकिन कुछ देश ऐसे भी थे, जो दुश्मन देश पाकिस्तान के साथ खड़े नजर आए. ऐसे में माना जा रहा है कि भारत इन देशों को सबक सिखाने के लिए रणनीतिक तौर पर जरूर कुछ ना कुछ करेगा. पाकिस्तान भी इन्हीं देशों के दम पर उछल रहा था.
किन 3 देशों ने पाक का खुलकर सपोर्ट किया?
सबसे पहले तो ये जान लेते हैं कि पाकिस्तान का साथ देने वाले देश कौनसे थे. इनमें चीन, तुर्की और अजरबैजान मुख्य तौर पर शामिल हैं. इन देशों ने अलग-अलग तरीके से पाकिस्तान का समर्थन किया. किसी ने पाक को हथियार दिए तो किसी ने खुलकर पाकिस्तान की नापाक हरकतों को सपोर्ट किया.
चीन ने पाक के लिए क्या कहा?
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के संयम की सराहना की और इसे जिम्मेदार रवैया बताया. वांग यी ने कहा- 'पाकिस्तान का रणनीतिक सहयोगी और भरोसेमंद मित्र होने के नाते, वह (चीन) हर हाल में पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा.' चीन का ये बयान खुले तौर पर पाक का समर्थन करने वाला रहा.
तुर्की ने पाक को भेजे हथियार
तुर्की ने पाकिस्तान को भारत पर हमला करने के ड्रोन मुहैया कराए, जो इंडियन आर्मी की ताकत के सामने फिसड्डी साबित हुए. इसके अलावा, तुर्की ने कराची पोर्ट पर अपना जंगी जहाज भी भेजा. हालांकि, उसने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि ये रूटीन एक्सरसाइज का हिस्सा है.
अजरबैजान ने पाक का समर्थन किया था
पाकिस्तान के समर्थन में अजरबैजान भी उतरा था. इसने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था. अजरबैजान ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की थी और पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की निंदा की.
चीन को ऐसे सबक सिखाएगा भारत
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से निपटने के लिए चीन को भारत की जरूरत पड़ेगी. चीन ने कहा भी था कि ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) मिलकर इससे निपटेंगे. लेकिन अब भारत शायद ही चीन की मदद करे. 2024-25 में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार $127.7 बिलियन का रहा, जिसमें चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना. लेकिन अब भारत चीन से साझेदारी घटा सकता है.
तुर्की और अजरबैजान को ऐसे देगा झटका
तुर्की और अजरबैजान को तो झटका लगना शुरू भी हो गया है. जब से दोनों देशों ने पाक के प्रति समर्थन दिखाया, तब से ही भारतीय नागरिकों ने इन्हें ट्रेवल लिस्ट से हटा दिया है. ये एक तरह का बॉयकॉट है, ताकि पाकिस्तान का समर्थन करने वालों की अक्ल ठिकाने आए. मालदीव से रिश्ते बिगड़ने के बाद भारतीयों ने तुर्की और अजरबैजान का रुख किया था. 2023 में तुर्की 2.74 लाख भारतीय तुर्की गए थे, लेकिन 2024 में 20.7% का इजाफा हुआ और ये संख्या 3.3 लाख हो गई. इसी तरह अजरबैजान में भी पिछले साल 2.43 लाख भारतीय गए, जो 2023 की तुलना में 108% ज्यादा है. लेकिन अब टूरिस्ट और भारतीय कंपनियों ने इनको बॉयकॉट करना शुरू कर दिया है. दोनों देशों के लिए ट्रैवल बुकिंग 50 फीसदी कम हो चुकी है.