शार्क हमें बचा सकती है ओमिक्रॉन जैसे वायरस से, वैज्ञानिकों ने बताया कैसे
विस्कॉन्सिन-मैडिसन पैथोलॉजी के प्रोफेसर आरोन लेब्यू और उनकी टीम ने यह शोध किया है. उन्होंने बताया कि शार्क के शरीर में पाया जाने वाला यह प्रोटीन वीएनएआर के नाम से जाना जाता है.
लंदन: शार्क की प्रतिरक्षा प्रणाली में पाया जाने वाला एंटीबॉडी जैसा प्रोटीन एक प्राकृतिक कोरोना किलर साबित हो सकता है. यह न केवल सामान्य कोरोना वायरस बल्कि ओमिक्रॉन जैसे वेरिएंट को भी फैलने से रोक सकता है.
विस्कॉन्सिन-मैडिसन पैथोलॉजी के प्रोफेसर आरोन लेब्यू और उनकी टीम ने यह शोध किया है. उन्होंने बताया कि शार्क के शरीर में पाया जाने वाला यह प्रोटीन वीएनएआर के नाम से जाना जाता है. यह मानव एंटीबॉडी के आकार का दसवां हिस्सा होता है. छोटे आकार के कारण शार्क के ये एंटीबॉडी मानव कोशिका के कोने-कोने में पहुंच जाते हैं, जहां मानव एंटीबॉडी नहीं पहुंच पाती है.
साथ ही वैज्ञानिकों का कहना है कि इस शोध में काफी वक्त लगेगा इसलिए वर्तमान महामारी तक इसकी दवा नहीं बन पाएगी, लेकिन भविष्य की महामारियों को रोकने में ये शोध मदद करेगा.
लेब्यू और उनकी टीम ने कई कोशिकाओं पर शोध के बाद इन VNAR की पहचान की है. उन्होंने देखा कि यह प्रभावी रूप से वायरस को मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोक देता है. आरोन लेब्यू ने कहा, "बड़ा मुद्दा यह है कि कई ऐसे कोरोन वायरस और दूसरी महामारियों के वायरस हैं जो मनुष्यों में उभरने के लिए तैयार हैं. इन्हें रोकने के लिए हम शार्क VNAR चिकित्सा का शस्त्रागार तैयार कर रहे हैं. यह भविष्य का इंश्योरेंस जैसा है.
ये भी पढ़ें- चीन बना रहा 'मस्तिष्क नियंत्रण हथियार', रोकने के लिए अमेरिका ने उठाया बड़ा कदम
तीन तरह के VNAR कैसे काम करता है
शोधकर्ताओं ने तीन वीएनएआर की खोज की है जो कोरोना के इलाज में मदद कर सकता है. एक VNAR, जिसका नाम 3B4 है, यह वायरस स्पाइक प्रोटीन के खांचे से मजबूती से जुड़ जाता है. स्पाइक प्रोटीन ही मानव कोशिका और वायरस को जोड़ता है, लेकिन VNAR 3B4 इस बंधन को कमजोर कर देता है.
दूसरा सबसे शक्तिशाली शार्क VNAR, 2C02 वायरस के स्पाइक प्रोटीन को निष्क्रिय कर उसे बंद कर देता है. वैज्ञानिक इन सभी VNAR को साथ मिलाकर एक कॉकटेल तैयार करेंगे, जिससे इसकी क्षमता बढ़ सके. वैज्ञानिक यह भी शोध कर रहे हैं कि क्या कैंसर को रोकने में शार्क के ये वीएनएआर कारगर साबित हो सकते हैं. वैज्ञानिक करीब एक साल से शार्क पर कोरोना संबंधी यह अध्ययन कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- पता चल गया फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचाता है ओमिक्रॉन, शोध में बड़ा खुलासा
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.