US-Iran nuclear talks: कुछ दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति पीसमेकर की भूमिका निभा रहे थे. रूस-यूक्रेन जंग रोकने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए. पुतिन तक को तमाम नियम कायदे बता दिए. अब ट्रंप पर ही उनकी चाल उलटी पड़ गई है. बता दें, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारीक अल सईद के साथ ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम और अमेरिका-ईरान वार्ता पर विस्तार से चर्चा की. ओमान अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, जबकि अमेरिका ईरान पर परमाणु समझौता करने का दबाव बना रहा है.
इस बीच पुतिन ने स्पष्ट किया कि रूस अपने ईरानी सहयोगियों के संपर्क में है और जहां संभव होगा, मदद करेगा. रूस पहले से ही ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है और मिडिल ईस्ट में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है.
पुतिन ने ओमान से की बातचीत
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारीक अल सईद ने मंगलवार को मास्को में मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम और अमेरिका-ईरान के बीच जारी वार्ता को लेकर अहम बातचीत हुई. क्रेमलिन के विदेशी नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने बताया कि दोनों नेताओं ने बातचीत की प्रगति और इसके संभावित नतीजों पर चर्चा की.
पुतिन ने साफ किया कि रूस ईरान के साथ लगातार संपर्क में है और जो भी भूमिका बनती है, उसमें मदद करता रहेगा. यह बैठक ऐसे वक्त हुई है जब अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर परमाणु समझौता नहीं हुआ, तो सैन्य कार्रवाई की जा सकती है.
ईरान की मदद करेंगे पुतिन
रूस पहले ही जनवरी में ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है, जिससे दोनों देशों के बीच सुरक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और मजबूत हुआ है. ऐसे में परमाणु वार्ता पर रूस का पक्ष ईरान के साथ मजबूती से खड़ा दिखता है.
पुतिन का कहना है कि अमेरिका का कोई भी सैन्य एक्शन अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ होगा. रूस पूर्व में हुए परमाणु समझौते का हस्ताक्षरकर्ता है, जिसे अमेरिका ने 2018 में ट्रंप के कार्यकाल के दौरान छोड़ दिया था. अब वह फिर से उस डील को रिवाइव करना चाहता है, लेकिन इसके लिए कई सख्त शर्तें भी सामने रखी हैं.
ओमान कर रहा है मध्यस्थता
ओमान लंबे समय से अमेरिका और ईरान के बीच ‘बैक चैनल’ बातचीत को आगे बढ़ाने में सक्रिय रहा है. ईरान की परमाणु प्रोग्राम को लेकर अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी देश काफी चिंतित हैं, वहीं ईरान बार-बार परमाणु हथियार बनाने की बात से इनकार करता रहा है.
इस बार भी ओमान मध्यस्थ की भूमिका में है और उसने पुतिन को इन चर्चाओं की पूरी जानकारी दी. पुतिन और सुल्तान हैथम के बीच यह बैठक ऐसे वक्त में हुई है जब मिडिल ईस्ट में लगातार भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है.
मीडिल ईस्ट पर है असली नजर
पुतिन ने हाल के दिनों में मिडिल ईस्ट के कई नेताओं से मुलाकात की है. क़तर के अमीर और ईरान के विदेश मंत्री से भी वह हाल में मिल चुके हैं. इस तरह रूस इस पूरे क्षेत्र में अपनी कूटनीतिक मौजूदगी को मजबूत कर रहा है.
टीवी पर दिए गए एक बयान में पुतिन ने बताया कि रूसी ऊर्जा कंपनियां ओमान में संभावनाएं तलाश रही हैं और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना चाहती हैं. इससे साफ है कि पुतिन की नजर न केवल कूटनीतिक संतुलन पर है, बल्कि ऊर्जा व्यापार पर भी केंद्रित है.
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका ईरान को लेकर किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई शुरू करता है, तो यह सीधा रूस-अमेरिका के बीच टकराव होगा.
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